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धान के कम रेट मिलने पर किसानों का जोरदार हंगामा, मंडी गेट पर जड़ा ताला

नए कृषि विधेयक को लेकर समूचे देश के किसान आक्रोशित हैं। किसानों का गुस्सा मामूली बात पर फूट पड़ने को तैयार रहता है। ऐसा ही मामला आज मंडी में देखने को मिला जब धान बेचने पहुंचे किसानाें ने दादरी की मंडी से कम रेट मिलने पर हंगामा कर दिया। हंगामा इस कदर बढ़ गया कि भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले सैकड़ों किसान एकत्र हो गए और गाजियाबाद की अनाज मंडी के गेट पर ताला लगाकर मंडी समिति और सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करने लगे। मंडी में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार से मिलीभगत के कारण उन्हें धान के उचित रेट नहीं मिल रहे हैं। वहीं, किसानाें का कहना था कि धान की कीमत दादरी की मंडी में 100 रुपये से 150 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा मिल रही है जबकि गाजियाबाद में उसी वैरायटी के धान का रेट कम दिया जा रहा है। सैकड़ों किसान मंडी के गेट पर पहुंचे और इसी बात को तूल देते हुए हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पाकर मंडी समिति के अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और आपस में समन्वय बैठाने का काफी प्रयास किया लेकिन किसानों का गुस्सा सातवे आसमान पर था। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के नेता मोहन चौधरी ने बताया कि किसान 1509 वैरायटी की धान गाजियाबाद की गोविंदपुरम स्थित अनाज मंडी लेकर आए थे। किसानों का आरोप था कि मंडी समिति और आढ़तियों की मिलीभगत के कारण 1800 रुपए प्रति क्विंटल का रेट दिया जा रहा है। कहा, इसी वैरायटी का रेट दादरी की मंडी में 1950 रुपए दिया जा रहा है। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि गाजियाबाद की अनाज मंडी में कहीं ना कहीं मंडी समिति और भारतीयों की मिलीभगत के कारण किसानों को चूना लगाया जा रहा है। कहा, भ्रष्टाचार के चलते मंडी के गेट पर लगे बोर्ड पर भी किसी भी अनाज का दाम नहीं लिखा गया है। इस धांधली की जानकारी कुछ किसानों को मिली तो किसानों ने इसका विरोध किया लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। मंडी प्रशासन के रवैये से नाराज बड़ी संख्या में किसान एकत्र हुए और भारतीय किसान यूनियन के बैनर के तले मंडी के गेट पर किसान प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हाे गए। मंडी के गेट पर एकत्रित किसानाें ने फिलहाल मंडी पर ताला लगा दिया गया है। मंडी में धान बेचने आये किसान अपना धान वापस ले जा रहे हैं। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि हम इसका पुरजोर विरोध करते है। वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक इस समस्या का समाधान नहीं होगा तब तक मंडी का गेट बंद ही रखा जाएगा।

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