रामपुर में आजम खां की इस बार ऐसी घेराबंदी

रामपुर । जनपद में इस बार का विधानसभा चुनाव में आज़म खान के खिलाफ सियासी अदावत वाली दो पुश्तें मैदान में उतर आई हैं. पहला नवाब खानदान और दूसरा सक्सेना खानदान. खास बात ये है कि दोनों के कंधे पर भाजपा ने ही तोपें सजाई हैं.
पहले तो सिर्फ रामपुर सीट पर आज़म खान का ही वर्चस्व था, लेकिन 2017 के चुनाव में जिले की स्वार सीट पर भी आज़म खान ने अपनी दमदारी साबित कर दी थी. स्वार से आज़म के बेटे अब्दुल्ला आज़म बड़े मार्जिन से चुनाव जीते थे. अब्दुल्ला ने नवाब काज़िम अली खान को पटखनी दी थी. खान वर्ष 2002 से लगातार यहां से विधायक रहे थे. अब्दुल्ला के हाथों शिकस्त मिलने के बाद अब नवाब काज़िम अली उर्फ नावेद मियां उसकी कसर रामपुर में आज़म खान से निकालने को बेताब हैं. वे रामपुर से कभी नहीं लड़े, लेकिन इस बार कांग्रेस से ताल ठोक रहे हैं.
नवाब खानदान की दूसरी पीढ़ी की. काज़िम अली जहां रामपुर में आज़म खान को घेरे बैठे हैं, वहीं उनके बेटे हैदर अली आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म को स्वार सीट पर घेरेंगे. इस बार तो उनके साथ सत्ताधारी भाजपा का भी बल है. स्वार सीट पर फतह हासिल करने के लिए भाजपा ने ये अनोखी चाल चली है. अपना दल के टिकट पर हैदर अली को उतारा गया है. भाजपा का अपना दल से गठबंधन है. हैदर अली को कांग्रेस ने टिकट दिया था, लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़कर अपना दल से लड़ने का फैसला किया है.
सक्सेना परिवार की आज़म खान से सियासी अदावत बहुत पुरानी है. दिवंगत शिवबहादुर सक्सेना जिले में भाजपा के पहले झंडाबरदार थे. आज़म खान जब रामपुर से पहली बार लड़े थे तब भाजपा से शिवबहादुर सक्सेना ने ही टक्कर दी थी. जब लगातार हार मिली तो सीट बदलकर वे स्वार टांडा चले गए. वहां से चार बार 1989, 1991, 1993 और 1996 में भाजपा के विधायक चुने गए. इस पुराने भाजपाई की जीत का रथ नवाब काज़िम अली खान ने 2002 में रोक दिया. अब शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना रामपुर में आज़म खान को चुनौती दे रहे हैं. उन्हें भाजपा ने लड़ाया है. आकाश सक्सेना ने आज़म खान के खिलाफ 33 मुकदमें दर्ज कराए हैं.
रामपुर से आज़म खान की पत्नी तंज़ीन फातिमा सपा से विधायक चुनी गई थीं. अब्दुल्ला आज़म स्वार से सपा से ही चुने गए थे, लेकिन फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के मामले में उनकी विधायकी रद्द हो गई थी. इसी फर्जीवाड़े में तीनों को जेल भी हुई थी. इस मामले में तंज़ीन फातिमा और अब्दुल्ला को तो ज़मानत मिल गई है, लेकिन आज़म खान अभी भी सीतापुर जेल में बंद हैं. ऐसी चर्चा है कि ज़मानत न मिलने की सूरत में वे जेल में रहते हुए ही रामपुर से सपा से चुनाव लड़ेंगे.