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ताजमहल के कमरे खोलने की याचिका दायर करने वाले डॉ. रजनीश करगे स्टडी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके द्वारा डाली गई याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि पहले इस बारे मे रिसर्च करे तब हमारे पास आना

ताजमहल के कमरे खोलने की याचिका दायर करने वाले डॉ. रजनीश करगे स्टडी
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आगरा। ताजमहल के कमरे खोलने की याचिका दायर करने वाले डॉ. रजनीश ने कोर्ट के फैसले को मानते हुए ताजमहल के बारे मे रिसर्च करने का फैसला किया है। इस बारे मे उन्होने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सचिव और एएसआई के महानिदेशक को पत्र लिखा है। जिसमें उनकी तरफ से मांग की है कि मंत्रालय और एएसआई के पांच सदस्यीय टीम का गठन किया जाए। जिसमें शोधकर्ता, आर्किटेक्ट प्लानर, इतिहासकार, वकील व शिक्षाविद भी शामिल हो। उन सभी को ताजमहल के बंद कमरे खोलकर दिखाए जाएं। ताकि ताजमहल के बंद कमरों का सच सामने आ सके। इसके साथ ही उन्होने ताजमहल के इतिहास से संबंधित साहित्य, शाहजहां द्वारा राजा जय सिंह से ताजमहल खरीदे जाने से संबंधित दस्तावेज की जानकारी उपलब्ध कराने की भी मांग है। उनका कहना है कि पिछले दिनों उन्हें पता चला कि एएसआई ने अपनी वेबसाइट पर बंद कमरे के फोटो अपलोड किए हैं। इससे साफ होता है कि इन कमरों को देखा जा सकता है और शोध कार्य भी हो सकता है।


डॉ. रजनीश सिंह ने ताजमहल के बंद 22 कमरों को खोलने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच में सात मई को एक याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने उनकी याचिका को ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि पहले इस विषय पर रिसर्च की जरूरत है। याचिका खारिज होने के बाद रजनीश सिंह ने अपने अधिवक्ता रूद्र विक्रम सिंह के माध्यम से केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सचिव और एएसआई के महानिदेशक को 18 मई को एक पत्र भेजा हैए इसकी एक कॉपी आगरा सर्किल को भी भेजी गई है।




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