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श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर याचिका स्वीकार, 30 सितंबर को होगी सुनवाई

नई दिल्ली। मथुरा कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले की सुनवाई को की याचिका अदालत ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है। मथुरा की एक अदालत हिंदू समूह की याचिका की 30 सितंबर को सुनवाई करेगी। याचिका में मंदिर के पास बनी ईदगाह को हटाने की मांग की गई है।
करीब आधा दर्जन भक्तों ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच पांच दशक पूर्व हुए समझौते को अवैध बताते हुए उसे निरस्त करने और मस्जिद को हटाकर पूरी जमीन मंदिर ट्रस्ट को सौंपने की मांग की है। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने शुक्रवार को मथुरा की अदालत में दायर की गई याचिका में कहा गया था कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच हुआ समझौता पूरी तरह से गलत है और भगवान कृष्ण एवं उनके भक्तों की इच्छा के विपरीत है। इसलिए उसे निरस्त किया जाए और मंदिर परिसर में स्थित ईदगाह को हटाकर वह भूमि मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी जाए। शुक्रवार को लखनऊ की रहने वाली रंजना अग्निहोत्री और त्रिपुरारी त्रिपाठी, सिद्धार्थ नगर के राजेश मणि त्रिपाठी और दिल्ली निवासी प्रवेश कुमार, करुणेश कुमार शुक्ला और शिवाजी सिंह ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को जमीन देने को गलत बताते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की कोर्ट में दावा पेश किया है।
श्रीकृकृष्ण विराजमान, स्थान श्रीकृकृष्ण जन्मभूमि और उक्त लोगों की ओर से पेश किए दावे में कहा गया है कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ (जो अब श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के नाम से जाना जाता है) और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच जमीन को लेकर समझौता हुआ था। इसमें तय हुआ था कि मस्जिद जितनी जमीन में बनी है, बनी रहेगी।