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9 दिन में चार्जशीट 52 दिन में फैसला, दुष्कर्म के आरोपियों को 30-30 साल की सजा

9 दिन में चार्जशीट 52 दिन में फैसला, दुष्कर्म के आरोपियों को 30-30 साल की सजा
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बुलंदशहर । नाबालिग लड़की से गैंगरेप मामले में न्‍यायालय ने मात्र 52 दिन में ट्रायल के साथ आरोपियों को तीस तीस साल की फैसला सुनाया है।

पुलिस ने नौ दिन में चार्जशीट दी और एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने किशोरी से गैंगरेप के मामले में मात्र 52 दिन में दोषियों को 30-30 साल की सजा और 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार रामघाट थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी ने 12 जनवरी को थाने पर तहरीर देते हुए बताया था कि उसकी 13 वर्षीय पुत्री 11 जनवरी की शाम को अपनी तहेरी बहने के साथ पड़ोस में ही पशु बंधवाने के लिए गई थी, तभी गांव निवासी वीरेश पुत्र शीशपाल और गीतम पुत्र बिन्नामी ने उसकी पुत्री को पीछे से आकर दबोच लिया और उसे उसे झोपड़ी में ले गए। झोपड़ी में दोनों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपी हत्या की धमकी देकर वहां से फरार हो गए। घर पर पहुंच कर किशोरी ने मामले की जानकारी परिजनों को दी। पुलिस ने मामले में तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना शुरू की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

इस मामले में पुलिस ने त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई करते हुए मात्र 9 दिन के अंदर यानि 21 जनवरी को दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी। 25 जनवरी से न्यायालय में मामले की सुनवाई शुरू हुई।

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