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लाश बनकर लौटी आरजू, बिलख पड़ा दरोगा का परिवार

शामली जनपद के भैंसवाल गांव की बेटी आरजू पंवार महिला उप निरीक्षक के रूप में बुलन्दशहर जनपद की अनूपशहर कोतवाली में तैनात थी। किराये के कमरे में उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

लाश बनकर लौटी आरजू, बिलख पड़ा दरोगा का परिवार
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शामली। जिला बुलंदशहर में अनूपशहर कोतवाली में तैनात महिला दरोगा के शव को पैतृक गांव भैंसवाल में लाया गया। शव को देखकर परिजनों में कोहराम मच गया। गमगीन माहौल में शव का अंतिम संस्कार किया गया। गांव की बेटी की मौत से ग्रामीणों में शोक छाया हुआ है।


शामली में गढ़ीपुख्ता थानाक्षेत्र के गांव भैंसवाल निवासी कृष्णपाल पंवार की बेटी आरजू पंवार करीब ढाई साल से जिला बुलंदशहर की अनूपशहर कोतवाली में तैनात थीं। शुक्रवार शाम को महिला दरोगा ने अपने आवास पर आत्महत्या कर ली थी। शनिवार दोपहर को आरजू का शव पैतृक गांव भैंसवाल लाया गया। परिजन शव से लिपटकर बिलख उठे।

महिला दरोगा की मृत्यु होने से गांव में शोक छाया हुआ है। ग्रामीणों ने गांव की बेटी की अचानक मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है। गांव भैंसवाल निवासी महिला दरोगा आरजू पंवार की मृत्यु की जानकारी मिलने पर गढ़ीपुख्ता थाना प्रभारी महावीर प्रसाद और आदर्श मंडी थानाध्यक्ष संदीप बालिया पुलिसकर्मियों के साथ उनके आवास पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति जनपद पुलिस की तरफ से सहानुभूति व्यक्त करते हुए ढांढस बंधाया।


ग्रामीणों के मुताबिक, आरजू चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। उसकी बड़ी बहन सोनिया और दो भाई सोनू और मनीष है। सोनू दुबई में इंजीनियर है और मनीष सेना में है। आरजू 2015 में पुलिस विभाग में भर्ती हुई थीं और वर्तमान में बुलंदशहर में अनूपशहर कोतवाली में दरोगा के पद पर तैनात थीं।

ग्रामीणों का कहना है कि साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली आरजू व्यवहार कुशल, मिलनसार और अपने काम के प्रति लगनशील थी। आरजू की अगले महीने फरवरी माह में शादी तय थी। इसे लेकर घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। परिजनों ने तो कभी ये सोचा भी नहीं होगा कि वे जिसकी शादी की तैयारी कर रहे हैं, वह पहले ही उन्हें हमेशा के लिए इस तरह छोड़कर चली जाएगी।

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