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मकर संक्रांति पर गोरखपुर में बडा मेला

श्रद्धालु शिवावतारी गुरु गोरखनाथ को अपनी आस्था की खिचड़ी चढ़ा रहे हैं। शुरुआत गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्ममुहूर्त में श्रीनाथ जी की पूजा और खिचड़ी चढ़ाने से की।

मकर संक्रांति पर गोरखपुर में बडा मेला
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गोरखपुर। कल मकर संक्रांति है। इस दिन गोरखनाथ मंदिर में बाबा गुरु गोरखनाथ के दर्शन और खिचड़ी चढ़ाने के लिए लाखों श्रद्धालु जुटते हैं। मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं।

मकर संक्रांति सूर्य की उपासना का पर्व है। गोरखपुर में इस पर्व को सामाजिक समरसता के रूप में मनाने की परम्परा है। सदियों से चली आ रही इस परम्परा के मुताबिक आज भी देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु गोरखनाथ मंदिर पहुंचे हैं। ये श्रद्धालु शिवावतारी गुरु गोरखनाथ को अपनी आस्था की खिचड़ी चढ़ा रहे हैं। शुरुआत गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्ममुहूर्त में श्रीनाथ जी की पूजा और खिचड़ी चढ़ाने से की। मकर संक्रांति पर गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने के पीछे गुरु गोरखनाथ की चमत्कारिक कथा है। यह कथा, कांगड़ा के ज्वाला देवी मंदिर से भी जुड़ी है। मान्यता है कि गुरु गोरखनाथ का इंतजार आज भी वहां हो रहा है, जहां के लिए वह खप्पर भरके खिचड़ी ले जाने यहां आए थे। लेकिन आज तक न तो गुरु गोरखनाथ का खप्पर भरा और न गुरु गोरखनाथ वापस कांगड़ा लौट सके।

गोरखनाथ मंदिर में नेपाल राजवंश की खिचड़ी हर साल चढ़ती है। मान्यता है कि नेपाल राजवंश की स्थापना गुरु गोरखनाथ की कृपा से हुई थी। उन्हीं की कृपा से नेपाल राजवंश के संस्थापक पृथ्वी नारायण शाह ने बाइसी और चैबीस नाम से बंटी 46 रियासतों को एकजुट कर एकीकृत नेपाल की स्थापना की थी। नेपाल शाही परिवार के मुकुट और मुद्रा पर आज भी गुरु गोरखनाथ का नाम अंकित है।

मकर संक्रांति पर गोरखनाथ मंदिर में विशाल भंडारा लगता है। भंडारे की सारी व्यवस्था सीएम योगी आदित्यनाथ की देखरेख में होती है। भंडारे में हजारों की संख्या में शामिल होकर लोग खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण करते हैं।

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