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सेवानिवृत करना भूला बीयू, 64 साल की उम्र में भी नौकरी कर रहे थे शिक्षक

सामने आई बड़ी लापरवाही

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां अफसर और कर्मचारी सोते रहे। 62 साल की आयु में शिक्षकों को सेवानिवृत्त कर दिया जाता है। मगर अब दो मामले ऐसे सामने आए हैं, जो तय अवधि से ज्यादा बीतने के बावजूद नौकरी करते रहे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में बड़ी लापरवाही सामने आई है। जो शिक्षक 62 साल की उम्र में सेवानिवृत हो जाने चाहिए थे वह 64 साल की आयु तक भी नौकरी करते रहे। जब इसकी जानकारी बीयू प्रशासन को हुई तो हड़कंप मच गया। अब आनन-फानन पत्र जारी कर शिक्षकों को 62 वर्ष की आयु पूरी होने की तिथि से ही सेवानिवृत्त मान लिया। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में नियमित और स्ववित्त पोषित योजनांतर्गत शिक्षक और कर्मचारी कार्यरत हैं। 62 साल की आयु में शिक्षकों को सेवानिवृत्त कर दिया जाता है। मगर अब दो मामले ऐसे सामने आए हैं, जो तय अवधि से ज्यादा बीतने के बावजूद नौकरी करते रहे। बताया गया कि विधि विभाग के सहायक आचार्य डाॅ. हरीशंकर की सेवानिवृत्त होने की तिथि 31 दिसंबर 2022 थी। जबकि, रसायन विज्ञान विभाग के डाॅ. महेश की 62 साल आयु 30 जून 2021 को ही पूरी हो चुकी है। मगर इन दोनों शिक्षकों से बीयू अक्तूबर (2023) तक सेवाएं लेता रहा। अफसर से लेकर कर्मचारी तक सोते रहे। हाल ही में ये मामला सामने आया तो हड़कंप मच गया। अब दोनों ही शिक्षकों को 62 वर्ष पूर्ण होने की तिथि से ही सेवानिवृत्त मानने का पत्र जारी कर दिया गया है। बीयू प्रशासन ने हाल ही में शिक्षकों की नियुक्तियां निकाली हैं। बीयू के अध्यापकों का कहना है कि दोनों शिक्षकों की तय समय पर सेवानिवृत्ति न हो पाने से दो पदों पर नियुक्ति नहीं निकल पाई है। ये बीयू की लापरवाही की वजह से हुआ है।एसएफएस शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु के स्पष्ट नियमों के अभाव में ऐसा हुआ है। अब दोनों ही शिक्षकों की सेवानिवृत्ति का पत्र जारी कर दिया गया है। वैसे दोनों शिक्षकों को 62 साल आयु पूर्ण होने पर ही सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए था। - विनय कुमार सिंह, कुलसचिव, बीयू।

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