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292 करोड़ के पशुपालन घोटाले में चार्जशीट दाखिल

लखनऊ । प्रदेश में पशुपालन विभाग में 292 करोड़ का फर्जी टेंडर दिलाने के लिए 9 करोड़ 72 लाख रुपए हड़पने के मामले में मंत्री के प्रधान सचिव समेत 10 जालसाजों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।पशुपालन घोटाले के मामले में छह महीने चली जांच के बाद 10 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी गई है । एसीपी गोमतीनगर के द्वारा की जा रही जांच में यह पाया गया कि, सचिवालय से लेकर सरकारी गाड़ियों का और अफ़सर की ताकत का इस्तेमाल किया गया। करोड़ों के घोटाले में एसटीएफ 9 लोगों को पहले ही जेल भेज चुकी है। एक आईपीएस समेत 7 की जांच जारी है।

जांच में एसटीएफ ने इंदौर के एक व्यापारी से पशुपालन विभाग में फर्जी टेंडर के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख रुपए हड़पने का मामला पकड़ा था। फर्जीवाड़े में पशुधन राज्य मंत्री के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित, सचिवालय के संविदा कर्मी और मंत्री का निजी सचिव धीरज कुमार देव, कथित पत्रकार एके राजीव, अनिल राय और खुद को पशुधन विभाग का उपनिदेशक बताने वाला आशीष राय शामिल पाये गये थे । मामले में मुख्य साजिशकर्ता आशीष राय ने ही पशुपालन विभाग के उपनिदेशक एसके मित्तल के कार्यालय का इस्तेमाल किया था। पशुधन घोटाले के मास्टर माइंड आशीष राय और निलंबित आईपीएस अफसर की मिली भगत भी सामने आई ।

उसी के कहने पर दोनों आईपीएस ने उसकी घोटाला करने में मदद कर घोटाले को अंजाम दिया । मामले में पत्रकार अनिल राय, एक के राजीव मुख्य साजिश कर्ता आशीष राय, मंत्री के निजी रजनीश दीक्षित और होम गार्ड रघुवीर प्रसाद सहित 10 के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तीन कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। वहीं सन्तोष मिश्र पत्रकार, डीआईजी अरविंद सेन , मुख्य आरक्षी दिलबहार यादव सहित सात के विरूद्ध विवेचना जारी है। मामले को लेकर विभागीय स्तर पर भी कारवाई की जा रही है।

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