पैसे के लालच में अस्पताल ने कर डाला ये कारनामा, आप भी चैंक जायेंगे
बुजुर्ग की ऑक्सिजन न मिलने से परिवार के सामने ही तड़प तड़प कर मौत हो गई, जिसे लिये अस्पताल की लापरवाही को ही जिम्मेदार माना जा रहा है।
आगरा। यहां के एक अस्पताल ने मौत का एक ऐसा खेल खेल डाला, जिसके सुनकर हर कोई दांतों तले अंगुली दबाने के लिये विवश हो जायेगा। बताया जाता है कि कोरोना संक्रमण के एक मरीज के स्वस्थ होने के बाद भी अस्पताल ने बिल बढाने के लिये तीन दिन तक मरीज की रिपोर्ट को दबाये रखा। बताया जाता है कि डिस्चार्ज होने के समय बुजुर्ग की आॅक्सीजन न मिलने से परिवार के सामने ही तड़प तड़प कर मौत हो गई, जिसे लिये अस्पताल की लापरवाही को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। हालांकि बाद में इस मामले में डाॅक्टर ने गलती कबूल की है। इधर अस्पताल प्रबंधन ने मृतक के परिवार को 10 लाख 51 हजार रुपए का बिल थमा दिया है। स्वास्थ्य विभाग की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बताया जाता है कि उक्त अस्पताल में बीते 16 अगस्त को सदर क्षेत्र के मधु नगर निवासी लेखपाल सुनील शर्मा अपने पिता रामभज शर्मा को कोविड 19 के इलाज के लिए लाए थे। इस दौरान रामभज के पोते डाॅ. पुनीत पाराशर ने आरोप लगाया कि उनके दादा का कोरोना का इलाज हो रहा था। जब उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई तो तीन दिन तक दबाए रखी गई। डाॅक्टर द्वारा रिपोर्ट निगेटिव बताने पर हमें अस्पताल के डाॅक्टर संजीव यादव ने कोरोना खत्म होने की बात कहकर पेशेंट को दूसरी जगह शिफ्ट करने की बात कही। उसके अनुसार उन्होंने मरीज को ज्यादा आॅक्सीजन की आवश्यकता होने की बात कही। इसके बाद जब व्हीलचेयर पर आॅक्सीजन सिलेंडर के साथ मरीज को अस्पताल के डाॅक्टर नीरज की मौजूदगी में नीचे लाया गया तो उनके सिलेंडर की आॅक्सीजन खत्म हो गई। जिस एम्बुलेंस को शिफ्टिंग के लिए अस्पताल द्वारा मंगवाया गया था, उसमें आॅक्सीजन सिलेंडर ही नहीं था। परिवार की आंखों के सामने डाॅक्टर ने एक-एक करके 10 आॅक्सीजन सिलेंडर लगाए, पर सभी खाली निकले। मरीज की दम घुटने से मौत हो गई। इसके बाद परिजन ने कहा कि हम गुहार लगाते रह गए पर कुछ न हो पाया। मौत होने के बाद गुस्साए परिजनों ने जमकर हंगामा शुरू किया और पुलिस को सूचना दी। मौके पर आई पुलिस के सामने डाॅक्टर ने भी गलती स्वीकार की है। इसके बाद भी परिवार को 10 लाख 51 हजार का बिल थमा दिया गया है। बेटे सुनील शर्मा का कहना है कि नई सोसायटी के नाम से उनका 10 लाख 51 हजार का बिल काटा गया और इतने पैसे खर्च करने के बाद आॅक्सीजन न मिलने से पिता की मौत हो गई।