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मिसाल : ग्रेटर नोयडा के कैदी, पुलिसकर्मी डोनेट कर रहे प्लाज़्मा

मिसाल : ग्रेटर नोयडा के कैदी, पुलिसकर्मी डोनेट कर रहे प्लाज़्मा
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कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच कैदियों और पुलिसकर्मियों ने उम्मीद की एक रोशनी दिखाई है। पूरी दुनिया में करोड़ों लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, लाखों लोग प्राण गवा चुके हैं। इसकी आज तक कोई कारगर दवा नहीं तैयार हुई है। ऐसे में बचाव ही एकमात्र विकल्प था। कोरोना पॉजिटिव होने पर प्लाज़्मा मरीजों और उनके परिजनों में एक उम्मीद जगाती है। डॉक्टर, कोरोना संक्रमितों को दवाइयों का असर न देख प्लाज्मा देने की सलाह दे रहे हैं। हालाँकि ये काम इतना आसान नहीं है जितना लगता है। प्लाज्मा लेने के लिए कोरोना पॉजिटिव से ठीक हो चुके इंसान इंसान की जरूरत पड़ती है और यह काम इतना आसान नहीं है। इसमें दो दिक्कतें होती हैं पहली कोरोना संक्रमित हो चुके शख्स की तलाश करना और फिर उसे प्लाज्मा डोनेट करने के लिए उसकी सहमति लेना। ग्रेटर नोएडा की ज़िला जेल ने इस समस्या का उपाय खोज लिया है।

ज़रूरतमंद द्वारा फोन कॉल करने पर ग्रेेेटर नोयडा जेल के कैदी और पुलिसकर्मियों ने मिलकर प्लाज्मा डोनेट करने का बीड़ा उठाया है। आपको बता दें ग्रेटर नोएडा जेल में बंद 73 कैदी कोरोना पॉजिटिव निकले थे। ये जानकारी ग्रेटर नोयडा जेल के अधीक्षक विपिन शर्मा ने दी है। बताया, बेहतर देखरेख और इलाज के बाद 28 कैदी पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। बचे 55 कैदी भी धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं। भले चंगे हो चुके कैदियों ने प्लाज्मा देने की इच्छा जताई है। जेल अधीक्षक के अनुसार संपर्क करने पर जरूरतमंदों को प्लाज्मा दिया जाएगा। साथ ही पुलिस अफसरों ने भी यह घोषणा की कि जो पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव हुए थे और अब ठीक हो चुके हैं वो भी अपना प्लाज्मा डोनेट करेंगे।

नेक काम का सिलसिला ऐसे शुरू हुआ कि ठीक हो चुके कैदियों ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया तो उनकी हौंसला अफजाई के लिए ग्रेटर नोएडा के कई आला पुलिस अफसर भी पहुंच गए। इस दौरान पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह, एडिशनल पुलिस कमिश्नर लव कुमार और डीआईजी (जेल) अखिलेश कुमार मीणा भी मौके पर मौजूद रहे। मौके पर मौजूद पुलिस अफसरों ने प्लाज्मा डोनेट करने वाले एक-एक कैदी की हौसला अफजाई की। ना सिर्फ हौसला अफजाई की बल्कि दूसरे कैदियों को इस काम के लिए मोटीवेट भी किया। इस मौके पर पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने कहा कि अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन दूसरों के काम आकर उनकी जिंदगी बचाने का मौका ऊपर वाला किसी-किसी को ही देता है। इस नेक काम के लिए ग्रेटर नोएडा जेल के कैदियों के साथ ही पुलिसकर्मी भी बधाई के पात्र हैं।


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