आईएएस अफसरों के खिलाफ बिना जांच रिपोर्ट दर्ज करने पर कोतवाल लाइन हाजिर
आलमबाग क्षेत्र में पुलिस के पास दर्ज शिकायत में ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी व अन्य अफसरों के पद के बारे में कुछ नहीं लिखा था। इंस्पेक्टर यशकांत ने अपने स्तर से कोई जांच पड़ताल नहीं की और एफआईआर दर्ज कर ली।
लखनऊ। लखनऊ में बिना जांच पड़ताल किए केवल नाम के आधार पर एफआईआर दर्ज करने वाले इंस्पेक्टर यशकांत को पद से हटा दिया गया। राज्य नियोजन संस्थान की एक महिला कर्मचारी की शिकायत पर कुछ आईएएस अफसरों के खिलाफ एफआईआर लिखने में इंस्पेक्टर महानगर यशकांत की लाइन हाजिर कर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार आलमबाग क्षेत्र में पुलिस के पास दर्ज शिकायत में ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी व अन्य अफसरों के पद के बारे में कुछ नहीं लिखा था। इंस्पेक्टर यशकांत ने अपने स्तर से कोई जांच पड़ताल नहीं की और एफआईआर दर्ज कर ली। इस बात की जानकारी बाद में हुई कि एफआईआर में नामजद आरोपियों में से 2 आईएएस अफसर हैं। इस मामले में रविवार को शासन के अफसरों ने पूछताछ शुरू की तो यह बात सामने आई। मामले के खुलासे के बाद ही इंस्पेक्टर यशकांत को पद से हटा दिया गया। आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए पुलिस को अनुमति लेनी होगी तब तक इन लोगों को केवल नोटिस भेज दिया जाएगा। मामले में 3 फरवरी को 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। संस्थान की एक महिला कर्मचारी ने कई तरह के आरोप लगाते हुए पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें रिटायर्स सैयद आफाक अहमद डाॅक्टर सतवीर संघ कामा वरिष्ठ मूल्यांकन अधिकारी डाॅक्टर सतराम, कनिष्ठ सहायक दिनेश कुमार, डाॅ राजेंद्र यादव, पूर्व निदेशक अंकित कुमार अग्रवाल, आईएएस ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, डाॅक्टर डी सरीन, उमेश कुमार, डाॅक्टर गोविंदा बाबू, वी श्रीवास्तव का नाम लिखवाया गया था।
अफसरों का आरोप है कि इंस्पेक्टर यशकांत ने महिला की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। पुलिस अफसरों का कहना है कि इंस्पेक्टर ने इस मामले में ज्यादा जांच पड़ताल नहीं की और न ही अधिकारियों को मामले से अवगत कराय। शिकायत मिलने पर सीधा एफआईआर दर्ज कर दी। प्रदीप कुमार सिंह को इंस्पेक्टर यशकांत की जगह पर महानगर का नया कोतवाल बनाया गया है साथ ही इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह को आलमबाग के नए इंस्पेक्टर होंगे।