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गौशाला खोलने के लिए अनुदान के नाम पर लाखों की ठगी का भंड़ाफोड़

67 लाख रुपये के अनुदान के लिए एक फीसदी प्रोसेसिंग फीस भी बाबा से ले गये

गौशाला खोलने के लिए अनुदान के नाम पर लाखों की ठगी का भंड़ाफोड़
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बाराबंकी। फर्जी संस्था बनाकर लोगों को लाखों का फर्जी अनुदान देने का लालच देने के बाद उनसे प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ठगी करने के मामल का पर्दाफाश किया गया है। संस्था के संचालकों ने सैकड़ों लोगों को अपनी बातों में फंसाकर उनसे मोटी रकम ऐंठ ली है। एक आश्रम के महंत समेत कुछ लोगों से इसी तरह का फर्जीवाड़े के शिकार हुए है।

बाराबंकी जिले में शनिवार को गौशाला खुलवाने के नाम पर एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। मामला मसौली थाना क्षेत्र में स्थित संकट मोचन पंचमुखी श्री हनुमान मंदिर से जुड़ा है। जहां के महंत सत्यनारायणानंद दास उर्फ फलाहारी बाबा को कुछ लोगों ने शेल्टर गौशाला खोलने का प्रस्ताव दिया। उन लोगों ने गौशाला खोलने के बदले में 67 लाख रुपए का अनुदान मिलने की बात बताई। साथ ही 67 लाख रुपये के अनुदान के लिए एक फीसदी प्रोसेसिंग फीस भी बाबा से ले गये। फिर कुछ दिन बाद उन्हीं लोगों ने फलाहारी बाबा से बात की और कुछ और लोगों को भी गौशाला खुलवाने के लिए तैयार करने के लिये कहा। मामला खुलने के बाद बाबा को जगह-जगह से जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं। आश्रम में साल 2003 से रह रहे महंत सत्यनारायणानंद दास ने बताया कि घनश्याम और प्रमोद नाम के शख्स उन्हें शेल्टर गौशाला खोलने के लिये कहा और बताया कि इसके लिए 67 लाख रुपए का अनुदान मिलता है। पहली किस्त 35 लाख रुपए की मिलेगी और 1 फीसदी उसका प्रोसेसिंग शुल्क जमा करना होगा। उसी एक प्रतिशत प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में मैने इन्हें 17 हजार नकद और 50 हजार रुपये की केनरा बैंक की चेक के रूप में दिया। जो घनश्याम ने अपने एसबीआई अकाउंट में डाला और पैसे निकाल लिये। इसके बाद हमें 23 लाख 45 हजार रुपये की चेक दे दी गई। लेकिन पूरे फर्जीवाड़े का भांडाफोड़ हो गया। आरोपी घनश्याम श्रीवास्तव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है।

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