undefined

मदरसे मुसलमानों की जीवन रेखा - मौलाना अरशद मदनी

मदरसे मुसलमानों की जीवन रेखा - मौलाना अरशद मदनी
X

देवबंद। जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व दारुल उलूम की सुप्रीम पावर मजलिस-ए-शूरा क सदस्य मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मदरसों को बंद करने का अभियान मुसलमानों के सांविधानिक, धार्मिक आजादी और सांविधानिक अधिकारों पर एक गंभीर हमला है।

मौलाना अरशद मदनी की ओर से रविवार को जारी बयान में कहा गया कि मदरसे मुसलमानों की जीवन-रेखा हैं। अब हमारी इसी जीवन-रेखा को काट देने की साजिशें रची गई हैं। असांविधानिक घोषित करके मदरसों के खिलाफ कार्रवाई का नवीनतम अभियान सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अपमान है। मौलाना अरशद मदनी ने काह कि मदरसों की सुरक्षा दीन की सुरक्षा है। हम लोकतंत्र, संविधान की सर्वोच्चता और मदरसों की सुरक्षा के लिए कानूनी और लोकतांत्रिक संघर्ष को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि रोक के बावजूद कुछ ताकतें अपने वजूद को उपर दिखाकर मदरसों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही हैं। यह ताकतें ऐसा कर सुप्रीम कोर्ट की विश्वनीयता को घटाना चाहती हैं। सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेना चाहिए।


Next Story