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मेरठ मैडीकल डाॅक्टरों को पहले पता था कि बदले गए हैं शव

स्टाफ को पहले ही पता चल गया था कि शव बदले गए हैं, लेकिन उन्होंने इस गलती को सुधारने के बजाय दूसरे शव पर नाम-पता लिखने के साथ उस पर एक चिट लगा दी गई कि मरीज का मुंह न खोला जाए।

मेरठ मैडीकल डाॅक्टरों को पहले पता था कि बदले गए हैं शव
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मेरठ । मेरठ मैडीकल काॅलेज के कोरोना वार्ड में शवों की अदला-बदली को लेकर चोरी और सीना जोरी का मामला सामने आ रहा है। बताया गया है कि स्टाफ को पहले ही पता चल गया था कि शव बदले गए हैं, लेकिन उन्होंने इस गलती को सुधारने के बजाय दूसरे शव पर नाम-पता लिखने के साथ उस पर एक चिट लगा दी गई कि मरीज का मुंह न खोला जाए।

मेरठ मैडीकल काॅलेज में तीन सितंबर को मोदीनगर निवासी 84 साल के गुरुवचन और चार सितंबर को मेरठ के 56 वर्षीय यशपाल कोरोना के चलते भर्ती कराए गए। अगले ही दिन इन दोनों की मौत हो गई। इसके बाद वहां कर्मचारियों को शवों को पीपीई में पैक करने को कहा तो उन्होंने दोनों शवों को पैक करने के बाद शव को शनिवार को परिजनों को सौंप दिया गया। इस दौरान जूनियर डाक्टरों को पता चल गया था कि ्र्र्रगलत तरीके से एक शव को पैक कर परिजनों को दिया जा चुका था। इसके बावजूद गलती सुधारने के बजाय उन्होंने दूसरे शव को यह चिट लगाकर परिजनों को सौंप दिया कि इसे कोई नहीं खोलेगा। गुरुवचन की बेटियों ने अंतिम संस्कार से पूर्व शव को खुलवाया तो वे हक्की बक्की रह गई क्योंकि यह शव उनके पिता का नही था। दूसरी ओर यशपाल के परिजन गुरुवचन के शव का सूरजकुंड पर यशपाल का दाह संस्कार कर चुके थे। मामले की शिकायत के बाद जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने सीएमओ डा. राजकुमार और एडीएम सिटी अजय तिवारी को जांच के लिए मेडिकल कालेज भेजा तो पता चला कि स्वीपरों ने नशे की हालत में शव की नाम पते वाली चिट बदल दी।

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