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गाजियाबाद को बसाने वाले गाजीउद्दीन के पडपोते के नवासे ने कीमती वक्फ संपत्ति पर जताया दावा

गाजीउद्दीन के प्रपौत्र इसहाक खान के नवासे राशिद बेग ने पचास हजार करोड़ रुपये की वक्फ संपत्ति का मुतवल्ली बनने का दावा किया है। इसे लेकर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में राशिद बेग ने अपने तमाम दस्तावेज पेश किए हैं।

गाजियाबाद को बसाने वाले गाजीउद्दीन के पडपोते के नवासे ने कीमती वक्फ संपत्ति पर जताया दावा
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गाजियाबाद। दिल्ली सीमा से सटे गाजियाबाद शहर को बसाने वाले गाजीउद्दीन के प्रपौत्र इसहाक खान के नवासे राशिद बेग ने पचास हजार करोड़ रुपये की वक्फ संपत्ति का मुतवल्ली बनने का दावा किया है। इसे लेकर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में राशिद बेग ने अपने तमाम दस्तावेज पेश किए हैं।

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा उनके दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजे जाने के बाद गाजीउददीन के वंशजों में हलचल मच गई है। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के अनुसार वक्फ की संपत्ति का प्रबंधन वक्फ संपत्ति की आय में इजाफा, देखभाल व हर साल आडिट करवाना है। हालांकि वक्फ की संपत्ति की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती है। बोर्ड की अनुमति से ही इसका पट्टा आवंटित किया जा सकता है। जनपद में अलग-अलग स्थानों पर शिया व सुन्नी समुदाय वक्फ की 718 संपत्तियां हैं। यह तमाम संपत्तियां काफी कीमती हैं। फिलहाल दिल्ली के खजूरी में रहनेवाले राशिद बेग ने बताया कि गाजीउद्दीन के प्रपौत्र इसहाक खान के घर पर रशीदा बेगम काम करने आती थीं। रशीदा बेगम पहले हिंदू थी, मगर बाद में इसहाक से निकाह करने के बाद वह मुसलमान बन गईं। रशीदा बेगम की बेटी हमिदा बेगम का निकाह ताहिर बेग से हुआ था। ताहिर बेग के बेटे राशिद हैं। इस नाते से मैंने दावा पेश किया है कि संपत्ति का मुतवल्ली मुझे बनाया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने गाजीउद्दीन की हवेली में भी हिस्से का दावा किया है। इसे लेकर अल्पसंख्यक आयोग के पास उन्होंने अपना दावा भेजा है।

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