मार्च के दूसरे पखवाडे में संभव हैं पंचायत चुनाव
पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 15 फरवरी तक नोटिफिकेशन आ जाएगा। 15 मार्च से 30 मार्च के बीच त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होगा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मार्च के दूसरे पखवाडे में होने की संभावना है। इस संबंध में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 15 फरवरी तक नोटिफिकेशन आ जाएगा। 15 मार्च से 30 मार्च के बीच त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होगा।
पंचायती राज्य मंत्री ने कहा कि ग्राम सभाओं के पुनर्गठन का कार्य पूरा हो चुका है। वार्डों का परिसीमन जारी है। चार जिले मुरादाबाद, गोंडा, संभल और गौतमबु(नगर का पूर्ण परिसीमन हो रहा है और बाकी जिलों का आंशिक परिसीमन का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि 14 जनवरी तक परिसीमन का कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद आरक्षण का काम पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि अब तक ग्राम पंचायत सीटों पर आरक्षण निर्धारण जनपद मुख्यालय स्तर पर होता था, मगर इस बार ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा, बीडीसी, प्रधान और जिला पंचायत सदस्यों की सीटों पर आरक्षण की ऑनलाइन व्यवस्था लखनऊ से तय होगी। पंचायतों में आरक्षण लागू करने के लिए राजस्व ग्रामों की जनसंख्या का आकलन किया जाएगा। पांच साल पहले चुनाव के समय ग्राम पंचायत की क्या स्थिति थी? वर्तमान में क्या स्थिति है, उसी आधार पर तय होगा कि उस ग्राम पंचायत की सीट किस प्रत्याशी के लिए आरक्षित होगी।
पंचायत चुनाव में भाजपा की तैयारी को लेकर किए गए सवाल पर भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि पंचायती राज विभाग ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत ढाई करोड़ से अधिक शौचालय बनवाए गये हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय भी बनवाए गए हैं। आपरेशन कायाकल्प के तहत 80,000 से अधिक प्राइमरी स्कूलों का कायाकल्प हुआ है। सरकार के काम का फायदा पंचायत चुनाव में जरूर मिलेगा। विपक्ष के दावों पर मंत्री का जवाब था कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार होता है। विपक्ष भी चुनाव लड़े लेकिन काम करने का फायदा भाजपा को ही मिलेगा। नोटिफिकेशन आने से पहले ग्राम प्रधानों के नाम लगे बोर्ड को पुतवाने का काम भी जिला पंचायत राज विभाग की तरफ से किया जाएगा। इसको लेकर डीपीआरओ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे जनपद में जहां पर भी प्रधानों के नाम के बोर्ड लगे हैं, उन पर से प्रधानों के नाम को पुतवाया जाए। गौरतलब है कि ग्राम प्रधानों का बस्ता 25 दिसंबर को ही जमा हो चुका है।