किराया बढ़ने के बाद कम हुए यात्री, घाटे में चल रही हैं सैंकड़ों बसें
लखनऊ। बसों मे घटती यात्रियों की संख्या से रोडवेज प्रशासन चिंतित है। लोड फैक्टर सुधारने के लिए बसों का किराया कम करने की तैयारी है। जिन परिक्षेत्रों की स्थिति बदहाल है, वहां के अफसरों को स्थिति सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। गत फरवरी में रोडवेज बसों का किराया बढ़ाया गया था, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से यात्रियों की संख्या में वृद्घि नहीं हुई। अधिकारियों ने बताया कि 54 सीटर साधारण बसों में 50 प्रतिशत से अधिक यानी 36 यात्रियों के होने पर बस संचालन नो प्रॉफिट, नो लॉस की स्थिति में रहता है। ऐसे में जब लोड फैक्टर पचास प्रतिशत से कम रहता है तो बसें घाटे में आ जाती हैं। रोडवेज प्रबंधन लोड फैक्टर को लेकर रोजाना स्थिति की समीक्षा कर रहा है। 22 नवंबर की रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ परिक्षेत्र की 15.5 फीसदी बसों का लोड फैक्टर पचास प्रतिशत से कम है। इसका स्पष्ट मतलब यह है कि एक हजार में से 150 से अधिक बसें घाटे में दौड़ रही हैं। ऐसे ही गोरखपुर परिक्षेत्र की तीन प्रतिशत, मेरठ की 4.3, मुरादाबाद की 4.4,9 देवीपाटन की 5.3 प्रतिशत बसों का लोड फैक्टर कम है। सहारनपुर, चित्रकूट, झांसी, प्रयागराज, कानपुर, आजमगढ़, अयोध्या, हरदोई, गाजियाबाद, आगरा, बरेली, वाराणसी, अलीगढ़, इटावा परिक्षेत्रों का लोड फैक्टर भी मानकों के अनुरूप नहीं है।
परिवहन राज्यमंत्री ;स्वतंत्र प्रभारद्ध दयाशंकर सिंह ने शीत ऋतु में रोडवेज की बसों का सुरक्षित संचालन के निर्देश दिए हैं। दयाशंकर सिंह ने परिवहन निगम की बसों में सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपकरण लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बसों की समय-समय पर जांच की जाए, उनमें कोई कमी हो तो उसे तुरंत दूर किया जाए। उन्होंने निगम की सभी बसों में रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप लगाने, विद्युत वायरिंग ठीक करने, हेडलाइट, बैक लाइट, टेल लाइट, इंडीकेटर लाइट, हार्न भी सही करने के निर्देश दिए।