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आरक्षण की घोषणा के साथ गांवों में चढा सियासी पारा

10 अप्रैल के बाद से चार चरणों में पंचायत चुनाव की घोषणा की जा सकती है। इस बीच आरक्षण सूची को लेकर दावेदारों में आज उत्सुकता के साथ बेचैनी रही। जिन जिलों में ग्राम पंचायतों की आरक्षण सूची जारी कर दी गई है, वहां आरक्षण के चलते चुनाव लडने से वंचित दावेदारों के चेहरों पर हवाईयां उडती दिखीं।

आरक्षण की घोषणा के साथ गांवों में चढा सियासी पारा
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लखनऊ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के सभी जिलों की ग्राम पंचायत वार आरक्षण सूची जारी किए जाने के साथ सियासी पारा बढ रहा है। कुछ जिलों में कल इसे जारी किया जाएगा। इसके साथ ही आज से ही आपत्तियां भी मांगी गई हैं। आठ मार्च तक आपत्तियां दर्ज किए जाने के बाद 12 मार्च तक उनका निस्तारण कर 15 मार्च तक आरक्षण की अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी। इस बार राजनीतिक दलों के सीधे मैदान में कूदने के बजाय अपने समर्थन से उम्मीदवारों को लडाने की उम्मीद है।

राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक आरक्षण की अंतिम सूची जारी होने के बाद 25-26 मार्च तक पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि 10 अप्रैल के बाद से चार चरणों में पंचायत चुनाव की घोषणा की जा सकती है। इस बीच आरक्षण सूची को लेकर दावेदारों में आज उत्सुकता के साथ बेचैनी रही। जिन जिलों में ग्राम पंचायतों की आरक्षण सूची जारी कर दी गई है, वहां आरक्षण के चलते चुनाव लडने से वंचित दावेदारों के चेहरों पर हवाईयां उडती दिखीं। सूत्रों के अनुसार बाकी जिलों में भी बुधवार तक आरक्षण की लिस्ट चस्पा कर दी जाएंगी। आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने के बाद दावेदार उसी के मुताबिक अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं। आरक्षण में वंचित हो चुके दोवदार अपने समर्थकों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में गांवों में राजनीतिक पारा चढ रहा है।

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