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शादी, बलात्कार और आत्महत्या का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

एक लड़के ने ओबीसी वर्ग की लड़की से शादी की थी। शादी के एक महीने बाद ही लड़की ने दलित लड़के और उसके भाई पर रेप का आरोप लगा दिया। इसके बाद युवक ने आत्महत्या कर ली।

शादी, बलात्कार और आत्महत्या का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली। एक दलित लड़के की खुदकुशी का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। बताया गया है एक लड़के ने ओबीसी वर्ग की लड़की से शादी की थी। शादी के एक महीने बाद ही लड़की ने दलित लड़के और उसके भाई पर रेप का आरोप लगा दिया। इसके बाद युवक ने आत्महत्या कर ली।

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के निवासी युगल ने भागकर आर्यसमाज मंदिर में पिछले 23 अगस्त को शादी की थी। इसके अगले दिन उन्होनेे लखनऊ में अपनी शादी रिजस्टर्ड की थी। इस दौरान लड़की के चाचा ने लड़के पर लड़की के अपहरण का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करा दी। लड़के के परिजन इसे लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट पहंुचे और अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका दायर की। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद लड़की को अदालत में पेश किया गया, जहां लड़की ने अपने माता-पिता के साथ जाने की बात कही। अपने माता-पिता के घर जाने के करीब 15 दिन बाद लड़की ने सेक्शन 164 के तहत 9 अक्टूबर को एक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उसका अपहरण कर लिया गया था और लड़का, उसके भाई और ब्रदर इन लाॅ परिवार की महिला सदस्यों की मदद से उसका यौन उत्पीड़न किया। इस बयान के बाद एक रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। दूसरी ओर हाई कोर्ट ने लड़के के परिवारवाले की गिरफ्तारी से रोक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। इसके अगले ही दिन लड़के ने आत्महत्या कर ली। मामले को लेकर लड़के का भाई और उसका ब्रदर इन लाॅ वकील भूषण राज के जरिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिका में लड़के के परिवारवालों ने कहा है कि लड़की को प्रताड़ित करके लड़के वालों के खिलाफ बयान दिलवाया गया है। याचिका में कहा गया है कि लड़की ने अपनी मर्जी से लड़के से शादी की थी और 350 किलोमीटर दूर जाकर लखनऊ में अपनी शादी पंजीकृत कराई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई को मृतक लड़के के भाई और उसके ब्रदर इन लाॅ को गिरफ्तारी से छूट देने का आदेश दिया क्योंकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महिला सदस्यों को गिरफ्तारी से छूट दे रखी थी।

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