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प्रदेश में पंचायत चुनाव आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से किया इंकार

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों का ऐलान किए जाने के साथ आज सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले में सीधे दखल देने से इंकार कर दिया। मामले को लेकर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि हाइकोर्ट में मुख्य दलीलों को नहीं सुना गया।

प्रदेश में पंचायत चुनाव आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से किया इंकार
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नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने उत्तरप्रदेश के पंचायत चुनाव आरक्षण को लेकर कोई दखल देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने आज मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं से हाईकोर्ट जाने को कहा है।

बीते 15 मार्च को हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के खिलाफ सीतापुर जिले के बिसवां के दिलीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की थी। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार तथा पंचायती राज विभाग के साथ-साथ राज्य निर्वाचन आयोग भी पक्षकार बनाया गया था। लिहाजा भावी प्रत्याशियों के साथ-साथ उनके कार्यकर्ताओं की निगाह भी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर लगी हुई थी। इसमें हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों का ऐलान किए जाने के साथ आज सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले में सीधे दखल देने से इंकार कर दिया। मामले को लेकर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि हाइकोर्ट में मुख्य दलीलों को नहीं सुना गया। उनके वकील ने कहा कि 1995 की आरक्षण सूची के आधार पर चुनाव करना बेहतर प्रयास था लेकिन उसको बदल दिया गया। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल देेने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट जाने को कहा। आरक्षण पर आपत्तियों की जांच के बाद फाइनल आरक्षण सूची भी जारी हो रही है। प्रदेश के 75 जिलों में पंचायत चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। पहले कहा जा रहा था कि पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आज होने वाली सुनवाई के बाद ही आयोग अपने अगले कदम के बारे में कोई निर्णय करेगा लेकिन इस सुनवाई के थोड़ी देर पहले ही लखनऊ में राज्घ्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कुछ दिन पहले ही पुरानी आरक्षण सूची पर रोक लगाते हुए 2015 के आधार पर चुनाव कराने को लेकर फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि साल 2015 को आधार मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए। इसके पूर्व राज्य सरकार ने कहा कि वह साल 2015 को आधार मानकर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है और अब उसी को आधार मानकर अंतरिम आरक्षण सूची भी जारी कर दी गई है।

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