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यूपी में बनाए स्टोरेज रूम, पहले कोरोना योद्धा और इसके बाद पचास से अधिक आयु के लोगों को लगेगी वैक्सीन

प्रदेश सरकार द्वारा वैक्सीन को स्टोर करने के लिए 1600 उपकरण भी मंगवाए जाएंगे। अलग स्टोरेज कक्ष बनाए जाते हैं और डीप फ्रीजर और आइसलाइन रेफ्रिजरेटर में इसे रखा जाएगा।

यूपी में बनाए स्टोरेज रूम, पहले कोरोना योद्धा और इसके बाद पचास से अधिक आयु के लोगों को लगेगी वैक्सीन
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लखनऊ। कोरोना वैक्सीन को लेकर सतर्क योगी सरकार ने सभी जिलों में उसके स्टोरेज और कोल्ड चेन के निर्माण पर काम शुरू कर दिया है। सभी जिलों में वैक्सीन स्टोर तैयार किए जा रहे हंै। 22 जिलों में उपयुक्त स्थान नहीं होने पर वहां निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इन स्टोरेज में 4 करोड़ कोरोना वैक्सीन रखने की तैयारी है।

प्रदेश सरकार द्वारा वैक्सीन को स्टोर करने के लिए 1600 उपकरण भी मंगवाए जाएंगे। अलग स्टोरेज कक्ष बनाए जाते हैं और डीप फ्रीजर और आइसलाइन रेफ्रिजरेटर में इसे रखा जाएगा। यूनिसेफ से सहयोग से इसके मूल्यांकन के बाद इस तैयारी को अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रदेश में अभी 3,500 उपकरण मौजूद है जबकि 1,600 नए उपकरण मंगवाने की सूची तैयार हो चुकी है ताकि वैक्सीन की कोल्ड चेन मेनटेन रखा जा सके ताकि वैक्सीन खराब न हो। मूल्यांकन का जिम्मा संभाल रहे यूनिसेफ के यूपी हेल्थ अफसर डाॅ. प्रफुल्ल भारद्वाज ने बताया कि यूपी में चार स्तर की कोल्ड चेन होती है। एक रीजनल स्टोर इसके बाद नौ मंडलों में एक कए डिविजन स्टोर, फिर हर जिले में डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन स्टोर और अंत में हर ब्लाॅक में एक स्टोर होता है। जिन जिलों में कक्ष नहीं थे, वहां निर्माण के लिए बजट भी जारी किया जा चुका है। पहली खेप में हम चार करोड़ वैक्सीन यूपी में आने की उम्मीद कर रहे हैं और उसी के मुताबिक तैयारी कर रहे हैं। पूरी वैक्सिनेशन प्रक्रिया में ये कोल्डचेन ही सबसे अहम होने वाली है क्योंकि जब वैक्सिनेशन अपने चरम पर होगा, तब गर्मियां भी आ जाएंगी। ऐसे में कोल्ड चेन ही वैक्सीन को सुरक्षित रख सकती है। हम इस तरह तैयारी कर रहे हैं कि एक भी वैक्सीन खराब न हो क्योंकि एक वैक्सीन, एक जान बचा सकती है।

एनएचएम की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने बताया कि यूपी में सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी। लगभग साढ़े सात लाख स्वास्थ्यकर्मी होंगे, जो सरकारी निजी क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इसमें डाॅक्टर से लेकर सफाईकर्मी तक शामिल है। इसमें साढ़े पांच लाख का डेटा तैयार हो चुका है। इसके बाद 50 साल से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएंगी, जिनकी यूपी में संख्या लगभग साढ़े तीन करोड़ से अधिक है। इसके बाद 40 से अधिक आयु के लोगों को लगेंगी, जिनकी संख्या डेढ़ करोड़ से अधिक है। इसी तरह चरणवार लोगों को टीका लगाया जाएगा।

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