उन्नाव केस: जहर खाने से हुई मौत, शरीर पर चोट के निशान नहीं
उन्नाव के एसपी ने बताया कि शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले। हम मामले की जांच के लिए 6 टीमें गठित की गई हैं। पता चला है कि तीनों घास काटने गई थीं। मौके पर झाग मिला है। जहरीला पदार्थ से हालत बिगड़ने की आशंका है।
उन्नाव। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक जिले के असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गांव दो किशोरियों की मौत जहर खाने से हुई थी। मामले को लेकर पुलिस और प्रशासन की सक्रियता बढने के बाद ग्रामीणों ने इस मामले में न्याय की मांग को लेकर हंगामा किया। हालांकि एक किशोरी की मां ने इस बात को गलत बताया है कि उनके हाथ पांव बंधे हुए मिले थे।
बुधवार रात तीन नाबालिग दलित लड़कियां खेत में दुपट्टे से बंधी पड़ी मिलीं। इनमें दो लड़कियों की मौत हो चुकी थी जबकि तीसरी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। उन्नाव के एसपी ने बताया कि शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले। हम मामले की जांच के लिए 6 टीमें गठित की गई हैं। प्रथमदृष्टया पता चला है कि तीनों घास काटने गई थीं। मौके पर झाग मिला है। जहरीला पदार्थ से हालत बिगड़ने की आशंका है। डाॅक्टर ने भी यही आशंका जताई है। मौके पर मौजूद लोगों के बयान लिए गए हैं। मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
मृतकों में एक किशोरी की मां ने बताया कि किशोरियां खेत में अचेत मिली थीं। उनके हाथ-पैर नहीं बंधे थे। इस पर एसपी ने कहा कि पूरे घटनाक्रम की गहनता से जांच की जा रही है। सभी के बयान ले लिए गए हैं। घटना के खुलासे के लिए टीम गठित की गई है जो हर पहलुओं का निरीक्षण करेगी। जांच पूरी होने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। लखनऊ बेंच की आईजी लक्ष्मी सिंह ने घटना के खुलासे के लिए 4 सीओ, 9 थानेदारों के साथ ही क्राइम ब्रांच में तैनात 3 इंस्पेक्टर को खुलासे के लिए लगाया गया है। सुबह करीब चार बजे अचानक रोशनी को सांस लेने में दिक्कत होने से उसकी हालत बिगड़ गई है। कुछ वेनस इंजेक्शन देने के बाद भी हालत में सुधार न होने पर उसे वेंटीलेटर पर शिफ्ट करना पड़ गया है। डाक्टरों का कहना है कि रोशनी की हालत में सुधार नहीं हो रहा है। सुबह जो मेडिकल रिपोर्ट आई हैं वह भी गड़बड़ हैं।
प्रशासन मृतक किशोरियों के अंतिम संस्कार की तैयारी के बीच प्रशासन की ओर से कब्र खोदने के लिए जेसीबी मशीन मंगाई गई तो ग्रामीणों और सपा के लोगों ने पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाएंगी। ग्रामीणों ने कहा कि पीड़ित परिवार को नौकरी, मुआवजा और हत्यारों की तलाश जब तक नहीं होगी वह किशोरियों का शव दफनाने नहीं देंगे।
घटना के बाद बबुरहा गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है। उन्नाव जनपद के नौ थानों की पुलिस फोर्स गांव में तैनात है। इसके साथ ही 19 दरोगाओं, 70 मुख्य आरक्षी, 30 सिपाहियों की अतिरिक्त तैनाती की गई। वहीं, पीड़िता के गांव में कई लोग धरने पर बैठे हुए हैं। इनके साथ मौजूद सपा कार्यकर्ता घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे हैं। सूचना आ रही है कि अखिलेश किसी भी वक्त पीड़ितों से मिलने पहुंच सकते हैं। इस सूचना के बाद गांव में पुलिस और सक्रिय हो गई है।
उन्नाव की दिल दहलाने वाली घटना का उत्तर प्रदेश मनवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विट किया- केवल दलित समाज को ही नहीं यूपी सरकार महिला सम्मान व मानवाधिकारों को भी कुचलती जा रही है। लेकिन वे याद रखें कि मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी पीड़ितों की आवाज बनकर खड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाकर ही रहेंगे। बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने उन्नाव घटना पर कहा- मैं बहुत दुखी हूँ, योगी सरकार दोषियों को दंड पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।