फर्जी ई वेबिल और चालान के जरिए डकारे 658 करोड़

Update: 2020-11-12 13:52 GMT

नई दिल्ली। सीजीएसटी दिल्ली दक्षिण आयुक्तालय ने फर्जी डमी फर्मों के जीएसटीआईएन पर जारी चालान / ई-वे बिल में शामिल फर्मों के जरिए अवैध रूप से रिफंड लेने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है।

सूत्रों ने बताया कि उक्त गिरोह काफी समय से नकली चालानों के बल पर आईजीएसटी का रिफंड ले रहा था। गिरफ्तार मुख्य आरोपी को साकेत कोर्ट ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले में मेसर्स बाण गंगा इम्पेक्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसका प्रधान कार्यालय एल -10 ए, गंगा टॉवर, महिपालपुर, नई दिल्ली -110037 (GSTIN 07AAMFB0425A1Z4) में स्थित है। छापे के दौरान अधिकारियों द्वारा जब्त दस्तावेजों की प्रारंभिक छानबीन से पता चला है कि फर्म ई-वे पोर्टल / जीएसटीएन पोर्टल पर उपलब्ध डेटा / जानकारी से नई दिल्ली स्थित मेसर्स बाण गंगा इम्पेक्स ने गैर-मौजूदा 48 से चालान का लाभ उठाया है। 

रिपोर्ट के मुताबिक मेसर्स बाण गंगा इम्पेक्स ने नकली संस्थाओं से जुटाए चालान के जरिए लगभग 685 करोड़ रुपए लाभ उठाया है, जिसमें लगभग 50 करोड़ रुपए जीएसटी शामिल था और लगभग 35 करोड़ रुपए का रिफंड पाने में सफल हुआ था। मैसर्स बाण गंगा इम्पेक्स के पार्टनर राकेश शर्मा उक्त सांठगांठ के मुख्य लाभार्थी हैं और फर्म की सभी परिचालन गतिविधियों से निपटने के लिए उसे 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया और उसी दिन मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, साकेत कोर्ट के समक्ष पेश किया गया।

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