दिल्ली में 10 महीने बाद खुले स्कूल तो दिखी रौनक

आज स्कूलों के खुलने के साथ स्कूलों में छात्रों के लिए स्कूल परिसर को सुरक्षित बनाने के लिए कई प्रभावी उपाय अपनाए गए हैं, वहीं कई पुरानी व्यवस्था से इतर नई व्यवस्थाएं व नियम लागू किए हैं।

Update: 2021-01-18 08:05 GMT

नई दिल्ली। कोरोना से बचाव के तहत घोषित बंदी के चलते 10 महीने बाद आज 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए स्कूल खुले तो स्कूलों में रौनक नजर आई।

दस माह से कोरोना को कारण स्कूल बंद थे। आज स्कूलों के खुलने के साथ स्कूलों में छात्रों के लिए स्कूल परिसर को सुरक्षित बनाने के लिए कई प्रभावी उपाय अपनाए गए हैं, वहीं कई पुरानी व्यवस्था से इतर नई व्यवस्थाएं व नियम लागू किए हैं। जिसके तहत निजी स्कूलों ने स्कूल बस ना चलाने का फैसला लिया है और स्कूल में अधिकतम 4 घंटे की कक्षाएं आयोजित होंगी। निजी स्कूलों के संगठन स्कूल एक्शन कमेटी के मुताबिक आज से स्कूल तो खुल रहे हैं, लेकिन अभी स्कूल बस नहीं चलेंगी। छात्रों को अपनी व्यवस्था से स्कूल आना होगा। उन्होंने बताया कि कोई ट्रांसपोर्ट कितना सुरक्षित हैं इसकी गांरटी स्कूल नहीं ले सकते हैं। हम ट्रांसपोर्ट की फीस भी नहीं ले रहे हैं। वहीं अलग-अलग जगह से आने वाले सीमित संख्या के बच्चों के लिए स्कूल बस चलाना व्यवहारिक भी नहीं हैं। स्कूल कितने बजे से लगेंगे। यह फैसला स्कूलों को ही लेना हैं। जो वह छात्रों, अभिभावकों की सहमित से ले सकते हैं। वहीं स्कूल के संचालन को लेकर जो एसओपी हमने तैयार की हैं, उसके मुताबिक छात्रों के लिए अधिकतम 4 घंटे की कक्षाएं ही स्कूल में लगेंगी।

स्कूल खोलने को लेकर शिक्षा निदेशालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक एंट्री गेट पर 6 वाॅशवेशन लगाए गए हैं। इसी तरह परिसर के कोरिडोर में सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। वहीं सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित करने के लिए एक कक्षा में अधिकतम 12 छात्रों के बैठने की व्यवस्था की गई है। वहीं बच्चे आपस में कम से कम संपर्क में आए, इसके लिए दोनों गेट खोले जाएंगे और उनके प्रवेश और निकास की व्यवस्था अलग-अलग की जाएगी।

कई निजी स्कूल सोमवार से नहीं खुलने जा रहे हैं। स्कूल प्रशासकों ने जारी प्री बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर स्कूल बाद में खोलने का फैसला लिया है। 

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