दिल्ली दंगे के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन को पार्षद पद से हटाने के आदेश पर हाईकोर्ट की रोक

सदन की लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहने पर यह कदम उठाया गया था। ताहिर फरवरी में हुई हिंसा से पहले जनवरी, फरवरी व बाद में जून और जुलाई में बिना किसी सूचना के सदन की बैठकों से अनुपस्थित रहे थे।

Update: 2020-11-06 09:51 GMT

नई दिल्ली । पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन को पार्षद पद से हटाने के आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। 

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के आरोपी आप पार्षद ताहिर हुसैन की सदस्यता पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सदन में समाप्त कर दी गई थी। सदन की लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहने पर यह कदम उठाया गया था। ताहिर फरवरी में हुई हिंसा से पहले जनवरी, फरवरी व बाद में जून और जुलाई में बिना किसी सूचना के सदन की बैठकों से अनुपस्थित रहे थे। इस आदेश के खिलाफ ताहिर हुसैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई करते हुए आज दिल्ली उच्च न्यायालय ने ताहिर हुसैन को नगरपालिका निकाय के पार्षद के रूप में आयोग्य ठहराए जाने के पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के फैसले पर रोक लगा दी है।

गर निगम अधिनियम की धारा 35 की उप धारा दो में प्रावधान है कि निगम का कोई सदस्य अगर बिना पूर्व सूचना के लगातार सदन की तीन बैठकों में अनुपस्थित रहता है तो सदन के संबंधित पार्षद की सदस्यता को समाप्त किया जा सकता है। इसी प्रावधान के तहत सदन में नगर निगम सचिव ने प्रस्ताव पेश किया। सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को सदन से मंजूरी मिल गई। इसके बाद यह सीट खाली हो गई थी।  

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