दिल्ली को प्रदूषण से बचाएंगी हाइड्रोजन चालित बसें

दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मंत्री, कैलाश गहलोत ने हाइड्रोजन पर चलने वाली बसों की शुरूआत करते हुए कहा कि आज दिल्ली प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। हाइड्रोजन मिश्रित सीएनजी पर चलने वाली बसें डीजल बसों के मुकाबले 70 प्रतिशत कम कार्बन मोनोआॅक्साइड का उत्सर्जन करती हैं।

Update: 2020-10-21 06:56 GMT

नई दिल्ली। प्रदूषण से परेशान दिल्ली में हाइड्रोजन गैस पर चलने वाली सीएनजी बसों का परीक्षण प्रारंभ किया गया है। इसके तहत दिल्ली में 50 बीएस4 बसों में हाइड्रोजन किट लगाकर 6 महीनों के लिए ट्रायल किया जा रहा है।

दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण पेट्रोल और डीजल पर चलने वाले वाहनों की बढ़ती संख्या है। इससे प्रदूषण बढ रहा है। अधिकारियों ने बताया कि ट्रायल के दौरान इन बसों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को देखा जाएगा। इसकी जांच के बाद अन्य बसों को भी हाइड्रोजन-सीएनजी से चलाया जाएगा। दिल्ली में हाइड्रोजन मिश्रित कंप्रेस्ड नेचुरल गैस के उत्पादन के लिए इंडियन आयल कारपोरेशन ने 15 करोड़ रुपये के खर्च से सीएनजी प्लांट की स्थापना की है। इस प्लांट से दिल्ली में सीएनजी पर चलने वाली बसों को ईंधन उपलब्ध कराया जाएगा। दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मंत्री, कैलाश गहलोत ने हाइड्रोजन पर चलने वाली बसों की शुरूआत करते हुए कहा कि आज दिल्ली प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। हाइड्रोजन मिश्रित सीएनजी पर चलने वाली बसें डीजल बसों के मुकाबले 70 प्रतिशत कम कार्बन मोनोआॅक्साइड का उत्सर्जन करती हैं। यह बसें गैस के जलने पर 15 प्रतिशत कम हाइड्रोकार्बन का भी उत्सर्जन करती हैं। इसके अलावा यह बसें डीजल बसों के मुकाबले 3-5 प्रतिशत ईंधन की कम खपत करती हैं।

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