देवबंद में होगा जैनाचार्य अरुण सागर जी महाराज का 37वां वर्षायोग

पुण्य अवसर प्राप्त होने से जैन समाज में छाया हर्ष, मुनिराज का भव्य स्वागत करने की तैयारी;

Update: 2025-07-05 10:06 GMT

देवबंद। देवबंद जैन समाज के लिए यह वर्ष अत्यंत पुण्यदायी और ऐतिहासिक सिद्ध होने जा रहा है। परम पूज्य पुष्पगिरी तीर्थ प्रणेता गणाचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी महाराज के परम शिष्य एवं आराध्य धाम फरीदाबाद के प्रणेता, आचार्य श्री 108 अरुण सागर जी महाराज का 37वां पुष्प वर्षायोग 2025 इस वर्ष देवबंद नगरी में आयोजित किया जाएगा।

यह अवसर देवबंद धर्मनगरी के इतिहास में केवल दुर्लभ ही नहीं, अपितु अत्यंत गौरवपूर्ण भी है, क्योंकि यह दूसरा अवसर है जब आचार्य श्री का पावन वर्षायोग देवबंद को प्राप्त हो रहा है। समाजजन इसे पुण्य का प्रतिफल और वर्षों के पुरुषार्थ का परिणाम मान रहे हैं। आचार्य श्री 108 अरुण सागर जी महाराज 6 जुलाई 2025 को आराध्य धाम, फरीदाबाद से विहार करते हुए दिल्ली, गाजियाबाद, मोदीनगर, मेरठ, खतौली और मुजफ्फरनगर होते हुए देवबंद नगर की सीमा में प्रवेश करेंगे। इसी दिन वे मुजफ्फरनगर स्टेट हाईवे पर देवबंद से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित सिल्वर पैराडाइज फार्म हाउस पर विश्राम हेतु विराजमान होंगे। 7 जुलाई 2025 को, आचार्य श्री वहां से विहार कर देवबंद स्थित श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ मंदिर (सरागवाड़ा अतिथि भवन) में मंगल प्रवेश करेंगे। देवबंद जैन समाज के श्रद्धालुजन इस अवसर को ऐतिहासिक मानते हुए भव्य स्वागत की तैयारी में जुटे हुए हैं।

आचार्य श्री के चातुर्मास को लेकर रविवार, 13 जुलाई 2025 को एक भव्य मंगल कलश स्थापना समारोह का आयोजन किया जाएगा। यह समारोह तेज पैलेस, रणखंडी रोड, देवबंद में आयोजित होगा। इस आयोजन को भव्य और गरिमामयी रूप देने के लिए समिति द्वारा व्यापक तैयारियाँ की जा रही हैं। इस पुण्य विहार और आयोजन को साकार रूप देने में आराध्य धाम युवा मंडल फरीदाबाद, युवा मंडल मेरठ, जैन युवा संगठन मुजफ्फरनगर और देवबंद जैन समाज का विशेष सहयोग रहा है। समस्त सकल जैन समाज देवबंद की ओर से इस आयोजन को लेकर विशेष उत्साह और आस्था का वातावरण है।

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