क्या है लाइम रोग? लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय

Update: 2020-12-09 08:26 GMT

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है, इसलिए इसके इलाज के लिए डाक्टरएंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह ठीक हो जाती है।

यह टिक यानी एकदम सूक्ष्म कीट के काटने से होने वाला संक्रामक रोग है। बैक्टीरिया बोरेलिया बर्गडोरफेरी केकाटने से होता है। भारत में हालांकि इस रोग के दुर्लभ मामले ही सामने आए हैं, लेकिन अमेरिका में यह बड़ीतादाद में फैला है। लाइम रोग कैसे फैलता है और आप कैस इससे बच सकते हैं जानिए यहां।

क्या है लाइम रोग?ः यह एक प्रकार का संक्रामक रोग है जो बोरेलिया बर्गडोरफेरी नामक बैक्टीरिया की वजह से होता है। बोरेलियाबर्गडोरफेरी बहुत ही सूक्ष्म कीट होता है जो त्वचा में चिपकर कई दिनों तक खून चूसता रहता है और प्रभावितव्यक्ति को इसका पता भी नहीं चल पाता। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसमें त्वचा लाल हो जाती है और सूजनभी आती है। समस्या यह है कि जल्दी इसका पता नहीं चल पाता। इस तरह से अंदर ही अंदर संक्रमण पूरे शरीरमें फैल जाता है।

क्यों होता है लाइम रोगः विशेषज्ञों के मुताबिक, यह रोग बोरेलिया बर्गडोरफेरी नामक बैक्टीरिया के काटने से होता है तो त्वचा में चिपकर खून चूसने लगता है और इसकी वजह से शरीर में अंदर ही अंदर इंफेक्शन फैल जाता है।

लक्षणः हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शुरुआत में इसके लक्षण कुछ खास नहीं होते जिसके वजह से बीमारी का पता जल्दी नहीं चल पाता है। आमतौर पर इसके लक्षणों में शामिल है-

- फ्लू जैसे लक्षण दिखना

- त्वचा पर मच्छर के काटने जैसे निशान दिखना, जो धीरे-धीरे बड़ा होने लगता है और इसमें खुजली होने लगती है।

- थकान महसूस होना

- नाड़ी धीमी होना

- बुखार आना

- ठंडी लगना

- सिसदर्द होना

- मसल्स में दर्द

- लिम्फ नोड्स का बढ़ना

- ठीक से दिखाई न देना

लाइम रोग का इलाज

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है, इसलिए इसके इलाज के लिए डाक्टरएंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह ठीक हो जाती है। आमतौर पर इसके इलाज के लिए डाक्टरडाक्सिसीक्लिन, एमोक्सिसिलिन और सेफूरोक्साइम जैसी एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसबीमारी के साथ समस्या यह है कि लोगों को शुरुआत में इसका पता ही नहीं चल पाता और जब पता चलता हैस्थिति गंभीर हो जाती है। इसलिए यदि आपको भी फ्लू जैसे लक्षण दिखे और शरीर पर लाल चकत्ते जैसा दिखाई देतो तुरंत डाक्टर की सलाह लें।

लाइम रोग से बचाव

- घने जंगल या झाड़ियों में जाते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें, खासतौर पर बगीचे या घास में बैक्टीरिया छुपे हो सकते हैं।

- झारियों के बीच जाते समय हमेशा हल्के रंग के कपड़े पहनें ताकि कोई छोटा कीट भी कपड़े पर आए तो दिख जाए।

- बालों को हमेशा कवर करके रखें।

- ज्यादा घास वाली जगह पर न बैठें।

- पूरी बांह के कपड़े और जूते पहनकर ही बगीचे या झाड़ी में जाएं।

- बाहर से आने के बाद शरीर की जांच कर लें कि कहीं किसी कीट ने काटा तो नहीं है।

- बाहर से आने के बाद नहा लेना भी अच्छा होता है।

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