उत्तर प्रदेश में निर्माण योजनाओं में भ्रष्टाचार ऐसे रोका जाएगा

निर्माण योजनाओं में होने वाली कमीशनखोरी और भ्रष्टचार पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश की निर्माण परियोजनाओं की जांच और निर्माण की गुणवत्ता की जांच के लिए माॅनिटरिंग एंड आॅडिटर अथाॅरिटी का गठन किया जाएगा।

Update: 2020-09-24 07:50 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निर्माण योजनाओं में भ्रष्टाचार रोकने के लिए अब कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टाॅलरेंस नीति के तहत अब निर्माण योजनाओं में होने वाली कमीशनखोरी और भ्रष्टचार पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश की निर्माण परियोजनाओं की जांच और निर्माण की गुणवत्ता की जांच के लिए माॅनिटरिंग एंड आॅडिटर अथाॅरिटी का गठन किया जाएगा।

मिली जानकारी के मुताबिक माॅनिटरिंग एंड आॅडिटर अथाॅरिटी गठन के लिए सहमती बन चुकी है और जल्द ही इस बाबत प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। उत्तर प्रदेश में निर्माण परियोजनाओं में लगातार भ्रष्टाचार की शिकायत मिल रही थी। जिसके बाद माॅनिटरिंग एंड आॅडिटर अथाॅरिटी के गठन का निर्णय लिया गया। कुछ दिन पहले ही सिका प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष किया गया था। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने भी अपनी सहमति दे दी है। जल्द इसका प्रस्ताव कैबिनेट में पेश होगा। प्रस्ताव के मुताबिक माॅनिटरिंग एंड आॅडिटर अथाॅरिटी का गठन नियोजन विभाग के अंतर्गत किया जाएगा। इसका मुख्य काम परियोजनाओं की रचना, मूल्यांकन, माॅनिटरिंग, आॅडिट और अभिनव प्रयोग करना होगा। कहा जा रहा है कि पीडब्लूडी के एक रिटायर्ड विभागाध्यक्ष को इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

माॅनिटरिंग एंड आॅडिटर अथाॅरिटी पांच करोड़ से अधिक और 25 करोड़ तक के विभिन्न विभागों की परियोजनाओं (जहां मुख्य अभियंता न हो) का परीक्षण करेगी।25 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं में माॅनिटरिंग एंड आॅडिटर अथाॅरिटी व्यय वित्त समिति को तकनीकी सलाह देगी। 10 प्रतिशत से अधिक लागत वृद्धि वाली परियोजना और 6 माह से अधिक कार्य अवधि वाली परियोजनाओं की तिमाही समीक्षा की जिम्मेदारी होगी।

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