सात जुलाई को टोडा बिजलीघर का घेराव करेंगे किसान
पुलिस लाठीचार्ज के बाद भाकियू तोमर गुट में उभरा नया जोश, अब बिजली विभाग के खिलाफ मोर्चाबंदी;
मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट के पदाधिकारी पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही के बाद उत्साह में हैं और अब फिर से जनहितों को लेकर सड़कों पर उतरने की अपनी परम्परा को शुरू किया जा रहा है। ऐसे में भाकियू ने अब बिजली विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार और किसानों के हितों की अनदेखी को लेकर बिजलीघर का घेराव करने की चेतावनी दी है।
पिछले दिनों 19 जून को नई मंडी थाने पर भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट के पश्चिम क्षेत्र के युवा प्रदेश अध्यक्ष अंकित गुर्जर के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की गूंज अब तक थमी नहीं है। पुलिस कार्रवाई के विरोध में 2 जुलाई को डीएम कार्यालय पर भाकियू तोमर द्वारा किए गए प्रदर्शन के बाद संगठन के कार्यकर्ताओं में नया उत्साह और जोश देखने को मिल रहा है। इस जोश को दिशा देने के लिए अब यूनियन ने बिजली विभाग के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। संगठन ने आगामी 7 जुलाई को बुढ़ाना ब्लॉक के टोडा स्थित बिजली घर पर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। भाकियू तोमर गुट के लोगों का कहना है कि बिजली विभाग की मनमानी और किसानों की समस्याओं की लगातार अनदेखी के कारण अब आंदोलन अपरिहार्य हो गया है। संगठन का आरोप है कि किसानों को बिजली आपूर्ति में भारी कटौती का सामना करना पड़ रहा है, जबकि बिलों की वसूली और कनेक्शन काटने की कार्रवाई में विभाग पूरी कठोरता दिखा रहा है।
संगठन के जिलाध्यक्ष निखिल चौधरी ने सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे आगामी 7 जुलाई को पूरी तैयारी के साथ टोडा बिजली घर पर पहुंचें और धरने में शामिल होगर शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज कराएं। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसानों की हक की लड़ाई है और इसे निर्णायक रूप दिया जाएगा। लाठीचार्ज प्रकरण पर जिलाध्यक्ष का कहना है कि पुलिस की लाठियां हमें डराने के लिए नहीं, बल्कि और मजबूत बनाने के लिए हैं। अब वे और अधिक संगठित होकर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष करेंगे। 7 जुलाई को प्रस्तावित धरने को सफल बनाने के लिए संगठन ने ब्लॉक स्तर पर बैठकों का आयोजन शुरू कर दिया है। बीकेयू तोमर गुट का मानना है कि अगर विभाग ने समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो आंदोलन को जिला मुख्यालय की ओर बढ़ाया जाएगा।