यशवीर महाराज की उत्तराखंड में नो एंट्री, बॉर्डर पर रोका
हरिद्वार जाते समय स्वामी यशवीर महाराज को समर्थकों सहित पुलिस ने नारसन बॉर्डर पर रोका, कांवड़ मार्ग पर संचालित होटल-ढाबों का सत्यापन अभियान चलाने निकले थे स्वामी यशवीर;
मुजफ्फरनगर। कांवड़ यात्रा से पूर्व ही कांवड़ मार्ग पर होटल और ढाबों पर पहचान अभियान चलाकर मुजफ्फरनगर में बड़ा विवाद खड़ा करते हुए एक होटल पंडित जी वैष्णो भोजनालय को बंद कराने वाले स्वामी यशवीर महाराज को शुक्रवार को यूपी उत्तराखंड बॉर्डर पर समर्थकों के साथ ही उत्तराखंड पुलिस द्वारा रोक दिया गया। वो कांवड़ मार्ग पर हरिद्वार में होटलों के सत्यापन अभियान के लिए जा रहे थे। इसके लिए उत्तराखंड पुलिस ने स्वामी यशवीर के राज्य में प्रवेश पर रोक लगा दी। घंटों तक वहां पर हंगामा हुआ और स्वामी यशवीर ने उत्तराखंड पुलिस की जोर जबरदस्ती पर नाराजगी जताई। इस बीच मुजफ्फरनगर में भी पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया। यहां से समर्थक और हिंदूवादी संगठनों के नेता भी बॉर्डर पर पहुंच गये थे।
आज हरिद्वार की ओर रवाना हुए योग साधना आश्रम बघरा के पीठाधीश्वर स्वामी यशवीर महाराज को उत्तराखंड पुलिस ने उनके समर्थकों सहित यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर नारसन पुलिस चौकी के समीप रोक लिया। बताया जा रहा है कि स्वामी यशवीर महाराज कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटल और ढाबों के नामों की पहचान एवं सत्यापन अभियान के तहत हरिद्वार जा रहे थे।
स्वामी यशवीर महाराज का यह अभियान पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है। उनका कहना है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर धार्मिक भावनाओं के अनुरूप होटल और ढाबों के नाम होने चाहिए। इस मुद्दे को लेकर मुजफ्फरनगर में पहले ही तीखा विवाद चल रहा है। कई लोग इसे धार्मिक जागरूकता की पहल मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने वाला कदम करार दे रहे हैं। हरिद्वार जाते समय बॉर्डर पर रोके जाने की खबर मिलते ही स्वामी यशवीर महाराज के समर्थक बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचने लगे। समर्थकों का कहना है कि उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से धार्मिक कार्य हेतु यात्रा करने से रोका जा रहा है, जो अनुचित है। विरोध की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल मौके पर तैनात हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं ताकि यात्रा मार्ग पर किसी भी प्रकार की अशांति या कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न न हो। फिलहाल स्वामी यशवीर महाराज और उनके समर्थकों को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई है, और स्थिति पर उच्च अधिकारियों की निगरानी बनी रही।
स्वामी यशवीर महाराज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ धार्मिक समरसता बनाए रखना और सनातन संस्कृति की रक्षा करना है, लेकिन उन्हें रोका जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वे कानून का सम्मान करते हैं, लेकिन अपने अधिकारों की लड़ाई भी जारी रखेंगे। नारसन पुलिस चौकी पर रोके जाने के बाद यशवीर महाराज के समर्थक भी मौके पर पहुंचे और विरोध कियां, जिससे तनाव की स्थिति बनी रही। उत्तराखंड पुलिस व प्रशासन की ओर से स्वामी यशवीर महाराज की उत्तराखंड राज्य में नो एंट्री को लेकर कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि कांवड़ यात्रा से पहले किसी भी अप्रत्याशित गतिविधि से बचने के लिए यह रोक लगाई गई है।