मुजफ्फरनगर-नगरपालिका में रूकी 3 हजार एलईडी लाइटों की खरीद
ठेकेदारों की शिकायत पर मंडलायुक्त ने दिए जांच के आदेश, एडीएम वित्त के नेतृत्व में गठित की तीन सदस्यीय समिति, एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट, प्रमुख सचिव को भी भेजा पत्र;
सहारनपुर। नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर में 3 हजार एलईडी लाइटों की खरीद के मामले को अनियमितता बरते जाने पर रोक दिया गया है। इसके साथ ही पथ प्रकाश विभाग के समस्त टैण्डरों को भी जांच पूरी होने तक स्थगित किया गया है। इस प्रकरण में मुजफ्फरनगर नगर पालिका में काम करने वाली कई फर्मों के ठेकेदारों द्वारा पांच बिन्दुओं पर की गई शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मंडलायुक्त ने जांच के आदेश जारी करने के साथ ही अपने स्तर से ही मुजफ्फरनगर एडीएम के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति गठित करने के साथ ही वित्तीय अनियमिता से जुड़े गंभीर आरोपों के इस प्रकरण में प्रमुख सचिव नगर विकास को भी पत्र भेजा है। इसमें मुजफ्फरनगर पालिका की अधिशासी अधिकारी और एक अवर अभियंता पर गंभीर आरोप लगाये गए हैं, मंडलायुक्त ने जांच समिति से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।
नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर में काम करने वाले कुछ ठेकेदारों ने मंडलायुक्त से पथ प्रकाश विभाग में निकाले गये टैण्डरों और एलईडी लाइटों की खरीद में मनमाने ढंग से कार्य करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। इसमें आरोप है कि नगर पालिका को करीब दो करोड़ रुपये की क्षति की गई। आरोप लगाते हुए इसके लिए अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह और पथ प्रकाश प्रभारी अवर अभियंता जितेन्द्र कुमार के खिलाफ जांच कराये जाने की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें 3 हजार एलईडी लाइटों को खरीदने के लिए निकाले गये टैण्डर में अनियमितता के आरोप में कहा गया है कि ईओ के स्तर से बार बार टैण्डर शर्तों को बदला गया है, ताकि वो इसमें अपने स्वार्थ की पूर्ति करने के लिए कुछ विशेष ठेकेदारों को लाभ पहुंचा सकें।
मंडलायुक्त अटल कुमार राय ने वित्तीय अनियमितता की इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जांच आदेश जारी कर दिया है। मंडलायुक्त की ओर से बताया गया है कि द्वारा पिछले दिनों उनको नगर पालिका परिषद् मुजफ्फरनगर के पथ प्रकाश में निकाले गये टैण्डर और अन्य कार्यों के लिए कुछ व्यक्तियों द्वारा अलग अलग शिकायत कर कार्यवाही की मांग की गई थी, इसमें 3 हजार एलईडी लाइटों की खरीद का प्रकरण भी शामिल है। इन लोगों के द्वारा सीधे तौर पर पालिका की ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह और अवर अभियंता जितेन्द्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें राजस्व की क्षति होने के आरोप गंभीर हैं, इसके लिए जांच की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया गया है। बताया कि जांच समिति एडीएम वित्त एवं राजस्व मुजफ्फरनगर गजेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में बनी है।
उनके साथ वरिष्ठ कोषाधिकारी और अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खण्ड मुजफ्फरनगर को भी शामिल किया गया है। जांच समिति से प्रकरणों में सुनवाई और साक्ष्य संकलित करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें शिकायकर्ताओं के भी बयान दर्ज करने के आदेश दिये गये हैं। साथ ही मंडलायुक्त ने जांच पूरी होने तक पथ प्रकाश विभाग में 3 हजार नई एलईडी लाइटों की खरीद के साथ ही अन्य समस्त कार्यों के लिए निकाले गये सभी टैण्डरों की प्रक्रिया को स्थगित करने के भी आदेश दिये हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मंडलायुक्त ने प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग को भी पत्र लिखकर आवश्यक कार्यवाही करने का आग्रह किया है। साथ ही मंडलायुक्त ने ईओ पालिका मुजफ्फरनगर डॉ. प्रज्ञा सिंह को निर्देश दिये हैं कि वो जांच में सहयोग करते हुए जांच समिति को प्रकरणों से सम्बंधित दस्तावेज और साक्ष्य समय से उपलब्ध करायेंगी।