रिफाइंड से बनाया जा रहा था पनीर, नष्ट कराया

खाद्य सुरक्षा विभाग ने की छापामार कार्रवाई, मिलावटी पनीर सहित कई खाद्य पदार्थ के नमूने भरे;

Update: 2025-06-03 10:44 GMT

मुजफ्फरनगर। आम जनता को सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण खाद्य और पेय पदार्थ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा एक बड़ी छापामार कार्रवाई की गई। सहायक आयुक्त खाद्य अर्चना धीरान एवं मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिवकुमार मिश्र के नेतृत्व में विभाग की टीम ने दिलशाद मिल्क पनीर निर्माण इकाई का औचक निरीक्षण किया, जहां संदिग्ध गुणवत्ता के पनीर और अन्य खाद्य पदार्थों का भंडारण पाया गया।

अर्चना धीरान ने बताया कि निरीक्षण के दौरान टीम को रिफाइंड पॉमोलिन ऑयल के खाली कंटेनर मिले, जिसके बाद पूछताछ में पनीर निर्माता दिलशाद ने स्वीकार किया कि पनीर निर्माण में पॉमोलिन ऑयल का उपयोग किया जा रहा है। यह उपयोग खाद्य सुरक्षा मानकों के खिलाफ है क्योंकि पॉमोलिन ऑयल का पनीर उत्पादन में इस्तेमाल निषि( है। इस कारण, विभाग ने संदिग्ध पनीर का एक विधिक नमूना संग्रहित किया और बाकी लगभग 200 किलोग्राम पनीर, जिसका अनुमानित मूल्य लगभग 52,000 रुपये था, को नियमानुसार मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।


उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, आनंदपुरी क्षेत्र में स्थित त्यागी एक्सपेलर से सरसों के तेल का भी एक विधिक नमूना लिया गया है। यह नमूना जांच के लिए खाद्य प्रयोगशाला, लखनऊ को भेजा गया है। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुनील कुमार और मनोज कुमार भी शामिल थे। इस दौरान विभागीय स्तर पर आम जनता से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध खाद्य उत्पाद की सूचना तत्काल प्रशासन को दें ताकि उनके स्वास्थ्य को कोई खतरा न हो। विभाग की यह कार्रवाई प्रदेश में खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर जारी रहेगी।

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