शिक्षक हत्याकांडः धर्मेन्द्र के शरीर में निशान ज्यादा, गोलियां मिली कम
शरीर को आरपार कर निकल गई कार्बाइन की गई बुलेट, दो डाॅक्टरों के पैनल ने कैमरे के सामने किया पोस्टमार्टम, आधी रात शिक्षक की बाॅडी का जिला अस्पताल में कराया गया एक्स-रे, कड़ी सुरक्षा के बीच परिजनों को सौंपा गया शव, छोटे भाई की तहरीर पर मुकदमा हुआ दर्ज, आरोपी सिपाही के खिलाफ एससी एक्ट भी लगा, सीओ सिटी ने शुरू की विवेचना;
मुजफ्फरनगर। बनारस से यूपी बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं लेकर मुजफ्फरनगर आये शिक्षक धर्मेंद्र कुमार की शराब के नशे में धुत्त हेड कांस्टेबल चंद्रप्रकाश यादव द्वारा तंबाकू नहीं दिये जाने के विवाद में सरकारी कार्बाइन से गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद दूसरे दिन मंगलवार को भी पूरे प्रदेश में अध्यापकों में आक्रोश व्याप्त है। डीएम के निर्देश पर दो डाक्टरों के पैनल ने रात में वीडियो कैमरे के समक्ष मृतक शिक्ष की बाॅडी का पोस्टमार्टम किया और इसके बाद कड़ी सुरक्षा में शव को उनके परिजनों को सौंपा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी स्वास्थ्य विभाग ने डीएम और एसएसपी को सौंप दी है। शिक्षक धर्मेन्द्र का शरीर गोलियों के निशान से पूरी तरह छलनी पाया गया है। इसमें निशान ज्यादा मिले और गोलियां शरीर से कम ही पाई गई। जिससे साफ है कि कार्बाइन की कई गोलियां उनके शरीर को भेदते हुए आरपार निकल गयी हैं। वहीं पोस्टमार्टम से पूर्व बाॅडी का एक्सरे भी कराया गया था।
बता दें कि शिक्षक धर्मेंद्र कुमार और संतोष कुमार, दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों जितेंद्र मौर्य और कृष्ण प्रताप के साथ सरकारी ड्यूटी में लगाये गये डीसीएम वाहन संख्या यूपी81बीटी 2955 से यूपी बोर्ड की कापियां प्रदेश के विभिन्न जिलों में जमा कराने के लिए वाराणसी से 14 मार्च को निकले थे। सुरक्षा के मद्देनजर उनके साथ गारद के तौर पर उपनिरीक्षक नागेंद्र चैहान व मुख्य आरक्षी चंद्रप्रकाश को पुलिस लाइन से मय हथियार भेजा गया था। रास्ते में प्रयागराज, शाहजहांपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद, बिजनौर में कापियां जमा कराते हुए 17 मार्च की रात ये शिक्षक और पुलिस कर्मी मुजफ्फरनगर पहुंचे थे। यहां उनको इण्टर बोर्ड परीक्षा की कापियां एसएसपी आवास के समक्ष स्थित एसडी इंटर कालेज में जमा करानी थी, जहां पर इण्टरमीडिएट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जा रहा है, लेकिन रात में सुरक्षा में तैनात हैड कांस्टेबल चंद्रप्रकाश यादव ने नशे की हालत में तंबाकू पर हुए विवाद में कार्बाइन से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिसमें शिक्षक धर्मेन्द्र की मौत हो गई थी। पुलिस ने घटना स्थल से ही आरोपी सिपाही को पकड़ लिया था।
शिक्षक धर्मेन्द्र
देर रात शिक्षक धर्मेन्द्र का छोटा भाई जितेन्द्र कुमार राम और अन्य परिजन जिला मुख्यालय पहुंचे थे, इसके बाद सोमवार देर रात अध्यापक के भाई जितेंद्र से डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी और एसएसपी अभिषेक सिंह ने सिविल लाइंस थाने में बातचीत की और जितेंद्र को पूरा घटनाक्रम बताया। इसके बाद पुलिस ने जितेंद्र की तहरीर के आधार पर हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश यादव निवासी जलीलपुर फुसमा थाना दोहरीगढ़ जिला मऊ के खिलाफ हत्या और एससीएसटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया। डीएम के निर्देश पर देर रात में ही दो डाक्टरों के पैनल से अध्यापक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इस पैनल में जिला अस्पताल के ईएमओ डा. विक्रम कुमार और हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. उबैद सिद्दीकी शामिल रहे। पोस्टमार्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गयी है। सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम कराने से पहले शिक्षक के भाई जितेन्द्र ने मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। इसके साथ ही शिक्षक धर्मेन्द्र के शव को रात्रि करीब सवा 12 बजे जिला अस्पताल ले जाकर बाॅडी का एक्सरे भी कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पैनल के चिकित्सकों ने सीएमओ कार्यालय को सौंपी और वहां से डीएम व एसएसपी को रिपोर्ट प्रेषित कर दी गयी है।
एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया, रात करीब ढाई बजे अध्यापक धर्मेन्द्र के शव को परिजनों को सौंप दिया गया। इसके बाद पुलिस की सुरक्षा में एंबुलेंस से बनारस भेज दिया गया। एसपी सिटी ने बताया, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद बताया जाएगा कि अध्यापक के कितनी गोली लगी थी। आरोपित हेड कांस्टेबल को दोपहर के समय कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। मुकदमे की विवेचना सीओ सिटी एएसपी व्योम बिन्दल को सौंपी गयी है। उन्होंने कहा कि जांच के लिए तथ्यों का संकलन किया जा रहा है। अभी कई सवाल अनसुलझे हैं, उनके लिए काम हो रहा है। थाना सिविल लाइन प्रभारी ओमप्रकाश ने बताया कि मृतक शिक्षक के भाई जितेन्द्र राम की तहरीर पर थाने पर आईपीसी की धारा 302 और 325 के अलावा 3/2 ;टद्ध एससी एवं एसटी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत किया गया है।
हेड कांस्टेबल चंद्र प्रकाश यादव
डीएम अरविन्द मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने घटना के बाद संवेदनशील होकर कानूनी कार्यवाही की गयी। शासन से 25 लाख रुपये का मुआवजा दिलाने की घोषणा कराई गई है। परिवार को प्रशासनिक स्तर पर हर संभव मदद की जायेगी। मेरी सहानुभूति पीड़ित परिवार के साथ है। मृतक धर्मेन्द्र कुमार को हम श्र(ांजलि अर्पित करते हैं। एसएसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि शिक्षक हत्याकांड के मामले में आरोपी सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसमें तेजी से जांच की जा रही है। कार्बाइन और बरामद कारतूस एवं बुलेट की बेलिस्टिक जांच कराने का निर्णय लिया गया है। फील्ड यूनिट ने घटना स्थल का दौरा कर क्राइम सीन बना लिया है। कई टीमों को इसकी पड़ताल के लिए लगाया गया है। घटना में अभी यही सामने आया है कि कार्बाइन से काफी गोलियां चली हैं। एएसपी ब्योम बिन्दल जांच कर रहे हैं।
डीसीएम पर कार्बाइन की गोलियों के सात निशान जांच में पुलिस टीम ने किये चिन्हित
मुजफ्फरनगर। उत्तर पुस्तिकाओं से भरे डीसीएम ट्रक में शिक्षक पर हैड कांस्टेबल ने किस खौफनाक अंदाज में फायरिंग की, इसका इशारा डीसीएम ट्रक भी कर रहा है। मुकदमा दर्ज होने के बाद तेजी से जांच शुरू कर दी गयी। पुलिस की जांच में पाया गया कि डीसीएम के अंदर आरोपी सिपाही ने बेतहाशा फायरिंग की है। इसमें डीसीएम की बाॅडी में पुलिस ने सात गन शाॅट चिन्हित किये हैं। इनको मार्क नम्बर 1 से मार्क नम्बर 7 का नाम दिया गया है। इनमें से तीन गोलियां लोहे की बाॅडी को नहीं भेद पाई, जबकि चार गोलियां लोहे की चादर के आरपार निकली साफ नजर आती हैं। यह सात गोलियां डीसीएम के दो हिस्सों में पायी गई हैं। छह गोलियों के निशान तो डीसीएम की परिचालक साइड पर है, जबकि सातवां निशान पीछे डाल्ले पर है।
शिक्षक धर्मेन्द्र का बनारस में अंतिम संस्कर, परिजनों ने अफसरों व शिक्षक नेताओं की प्रशंसा
मुजफ्फरनगर। शिक्षक धर्मेन्द्र का परिजनों ने बनारस में दोपहर बाद अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद रात्रि के समय करीब ढाई बजे बाॅडी सौंप दी थी। मोर्चरी पर परिजन रोते रहे। उनके भाई जितेन्द्र राम को बाॅडी सौंपी गई। जितेन्द्र ने घटना पर गहरा शोक जताते हुए बताया कि वो अपने पैतृक गांव बैरठा से काफी समय पहले बनारस आकर बस गये थे। भाई धर्मेन्द्र महगांव राजकीय हाईस्कूल में सहायक अध्यापक थे, तो उनकी पत्नी रूपा निवासी गांव राजापुर, इलाहाबाद भदोही के प्राइमरी स्कूल में टीचर हैं। धर्मेन्द्र की एक पांच साल की बेटी है। जबकि जितेन्द्र रिसर्च स्काॅलर हैं तो उनकी पत्नी गौरी कन्या इण्टर काॅलेज इलाहाबाद में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं। उनके साथ यहां मृतक धर्मेन्द्र के मौसेरे साले अनिल कुमार चौधरी, उनके दोस्त रवि कुमार और मृतक शिक्षक के दोस्त शिव कुमार पहुंचे थे। अफसरों ने सभी के बयान दर्ज किये। जितेन्द्र ने बताया कि देर रात तक सभी अफसर उनके साथ सहयोग में खड़े रहे। शिक्षक नेता भी जुटे रहे और पूरा सहयोग किया। डीआईओएस ढाई बजे तक साथ रहे और बाॅडी मिलने पर पुष्प चक्र व फूल माला चढ़ाकर सभी ने भाई को श्र(ांजलि दी। यहां मिले सहयोग से वो कृतज्ञ हैं। डीएम और एसएसपी ने उनके संतुष्ट होने तक पोस्टमार्टम नहीं कराया। कार्यवाही के लिए पूरी तरह से मार्गदर्शन किया और हर संभव मदद का भरोसा दिया।
मूल्यांकन कार्य हुआ शुरू, शिक्षकों ने सौंपा ज्ञापन
मुजफ्फरनगर। शिक्षक हत्याकांड के कारण उत्पन्न हुए रोष के कारण सोमवार को बंद कराया गया मूल्याकांन कार्य शिक्षक संगठनों के साथ शिक्षा विभाग की सहमति बन जाने के बाद मंगलवार को प्रारम्भ करा दिया गया। वहीं शिक्षकों ने आज भी शिक्षक के परिवार को न्याय की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राहुल कुशवाहा ने बताया कि शिक्षक धर्मेन्द्र के परिजनों को मुआवजा राशि की घोषणा होने के साथ ही शिक्षक संगठनों ने मूल्यांकन कार्य शुरू कराने पर सहमति व्यक्त की। डीआईओएस डाॅ. धर्मेन्द्र शर्मा ने बताया कि आज सवेरे शिक्षक संगठनों से हुई वार्ता के बाद मूल्यांकन कार्य सभी पांच केन्द्रों पर शुरू कर दिया गया है। उन्होंने स्वयं केन्द्रों का निरीक्षण करते हुए मूल्यांकन कार्य का जायजा लिया। डीआईओएस ने बताया कि मंगलवार को हाईस्कूल और इण्टर की कुल 43318 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पांचों केन्द्रों पर हुआ है। इनमें हाईस्कूल की 27425 और इण्टर की 15893 उत्तर पुस्तिकाएं शामिल हैं।
वहीं शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ की ओर से मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर शिक्षक धर्मेन्द्र की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन दिया गया। इसमें शिक्षक के परिवार को दस करोड़ का मुआवजा, पीसीएस स्तर की नौकरी, लोकसभा चुनाव में पोलिंग पार्टियों के साथ लगाने वाले पुलिस कर्मियों का सत्यापन कराने की मां की गयी हैं।