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आंदोलन को दिनचर्या बना लें किसान-नरेश टिकैत

मुजफ्फरनगर में 1987 के करमूखेडी आंदोलन में शहीद हुए किसान जयपाल मलिक और अकबर अली को दी गई श्रद्धांजलि

आंदोलन को दिनचर्या बना लें किसान-नरेश टिकैत
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मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने किसानों से उनकी धरती छीनने का काम कर दिया है। किसान तो किसी तरह झेल लेगा, लेकिन मजदूरों का क्या होगा। घरेलू गैस सिलिंडर और बिजली के दाम कितने बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसान और श्रमिकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने आह्वान किया कि हक हासिल करने के लिए आंदोलन में जाओ और इसे अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाओ।

एक मार्च 1987 को खेड़ीकरमू आंदोलन में जान गंवाने वाले लिसाढ़ निवासी जयपाल मलिक एवं सिंभालकी निवासी अकबर अली को श्रद्धांजलि दी गई। दोनों जगह कार्यक्रम में शामिल हुए सभा में भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि किसान चाहते हैं कि उनकी धरती बची रहे और खेती जिंदा रहे, लेकिन सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है।किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी, आंदोलनजीवी और परजीवी तक कहा जा रहा है। किसान अपने मनमुटाव भूलकर आंदोलन में शामिल हों। यह परीक्षा की घड़ी है। उन्होंने कहा कि आंदोलन को दिनचर्या का हिस्सा बना लो। अपने काम से समय निकालकर आंदोलन में जरूर जाओ।उधर, भाजपा नेताओं के बहिष्कार की घोषणा करने के पत्रकारों के सवाल पर भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि यदि किसान विरोध कर रहे हैं, तो भाजपा नेता वहां न जाएं। यदि जा रहे हैं तो किसानों की बात सुनें और उनके सवालों का जवाब भी दें।

शामली में किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले गांव लिसाढ़ निवासी जयपाल मलिक व गांव सिंभालका निवासी अकबर अली को श्रद्धांजलि दी गई। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत समेत सैकड़ों किसानों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। लिसाढ़ गांव में सुबह नौ बजे जयपाल मलिक की प्रतिमा स्थल पर हवन किया गया। हवन के पुरोहित हरपाल सिंह आर्य व राजवीर सिंह आर्य रहे। यजमान जयपाल मलिक के छोटे भाई ऋषि पाल मालिक रहे।

भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि शहीद जयपाल मलिक, अकबर अली ने किसानों को जागृत रखने के लिए एवं सरकार से संघर्ष के लिए ही अपने प्राणों की आहुति दी थी। इसके बाद सिंभालका में अकबर अली के स्मृति स्थल पर पुष्प अर्पित किए गए। लिसाढ़ में गठवाला खाप चौधरी बाबा हरिकिशन मलिक के पुत्र राजेंद्र सिंह, राणधावा मलिक, भाकियू जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान के अलावा सिंभालका में भी किसान नेता चौधरी अनिल मलिक, थांबेदार आजाद मलिक पुरा महादेव, धीरज मालिक, पूर्व मंत्री किरण पाल कश्यप, पूर्व प्रधानाचार्य जयदेव सिंह, धर्मवीर सिंह, सुरेंद्र आर्य, भाकियू प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार, सतवीर मूंछ, संजीव राठी, दीपक शर्मा, महावीर सिंह आदि मौजूद रहे।

एक मार्च 1987 को बिजली की दरों में बढ़ोतरी के विरोध में भाकियू के अध्यक्ष रहे चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंका था। किसान ट्रैक्टर ट्रालियां आदि वाहनों से खेड़ीकरमू बिजलीघर की तरफ कूच कर रहे थे। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो टकराव हो गया। टकराव में पुलिस की तरफ से हुई फायरिंग में गोली लगने से गांव लिसाढ़ निवासी किसान जयपाल मलिक और गांव सिंभालका निवासी अकबर अली की मौत हो गई थी। उनकी याद में एक मार्च को हर साल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है।

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