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राकेश टिकैत बोले- अक्टूबर तक चलेगा आंदोलन, अक्टूबर में मिलेगी नई तारीख

राकेश टिकैत बोले- अक्टूबर तक चलेगा आंदोलन, अक्टूबर में मिलेगी नई तारीख
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गाजियाबाद। गाजीपुर बाॅर्डर पर डटे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान के बाद जिस प्रकार से बातचीत की पेशकश का स्वागत किया, उसी प्रकार आज उन्होंने किसान आंदोलन के जल्द खत्म होने की सारी अटकलों और कायासों को समाप्त करते हुए कहा कि यह आंदोलन अक्टूबर से पहले समाप्त होने वाला नहीं है। वहीं किसान आंदोलन के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन दूसरे किसान संगठनों और खाप चौधरियों के साथ मिलकर लगातार किसान महापंचायतों के आयोजन की तैयारियों में जुटी हुई है। वहीं 6 फरवरी को चक्का जाम को भी सफल बनाने क रणनीति में किसान नेता जुट चुके हैं। अब 4 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में भैंसवाल ने

किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर से केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। बता दें, राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक कानून वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं। साथ ही उन्होंने कहा कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा, अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। मीडिया से बात करते हुए टिकैत ने कहा कि हमने सरकार को बता दिया कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी। नौजवानों को बहकाया गया, उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो। किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गई। वहीं बार्डर इलाकों में बढ़ाई गई सुरक्षा पर टिकैत ने कहा कि हमसे मिलने के लिए राजनीतिक दल के लोग आ रहे हैं। अगर कोई नेता आता है तो हम क्या करे। ट्रैफिक की समस्या किसानों की वजह से नहीं है। ये समस्या पुलिस के द्वारा लगाई गई बैरिगेट्स की वजह से है।

बता दें, इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने टिकैत से मुलाकात की थी। जिसके बाद राउत ने कहा, श्हमारे शिवसेना के सभी सांसद यहां आए हैं। राकेश टिकैत से बात हो गई है और उन्हें जो संदेश देना था हमने दे दिया है। हम पूरी ताकत से उनके साथ रहेंगे। सरकार को ठीक से बात करनी चाहिए, बात में राजनीति नहीं आनी चाहिए। बता दें, दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थल के पास अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और कई जगह बैरिकेड लगाने के साथ सुरक्षा बढ़ा दी गयी है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी की कई मुख्य सड़कों पर यातायात जाम हो गया। प्रदर्शनकारियों के आवागमन रोकने के लिए पुलिस की निगरानी में मजदूरों ने सिंघू बॉर्डर पर मुख्य राजमार्ग के किनारे सीमेंट के अवरोधकों की दो कतारों के बीच लोहे की छड़ें लगा दी हैं। दिल्ली-हरियाणा राजमार्ग के एक अन्य हिस्से पर सीमेंट की अस्थायी दीवार बनाने से वह हिस्सा भी आंशिक रूप से बाधित हो गया है। दूसरी ओर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन आंदोलन को नई गति देने के लिए महापंचायतों के दौर को गरम रखे हुए हैं। अब 4 फरवरी को शामली जनपद के गांव भैंसवाल में किसानों की महापंचायत बुलाई गई है। मुजफ्फरनगर, मथुरा, बडौत और बिजनौर के बाद अब शामली की इस महापंचायत पर शासन व प्रशासन की निगाह है।

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