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कार्डियाक इमेंजिंग से दिल की बीमारी का पहले ही पता लगेगा

कार्डियाक इमेंजिंग से दिल की बीमारी का पहले ही पता लगेगा
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पिछले कई सालों में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब विशेषज्ञों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे इन बीमारियों का पहले ही पता चल जाएगा। एमआरआई मशीन और सीटी स्कैन की मदद से दिल की बीमारी का पता लगाया जा रहा है। इस नई तकनीक को कार्डियाक इमेंजिंग कहा जाता है। इमेजिंग माॅडलिटी जैसे कि मल्टी-डिटेक्टर सीटी , दिल की धमनियों को हाथ की नस में एक छोटी सी सुई लगाकर देखने का तरीका है बिना चीड़-फाड़ की यह तकनीक अभी भी शुरुआती अवस्था में ही है।

कार्डिएक सीटी की खास बात यह है कि 40 साल की उम्र के बाद अगर किसी को हार्ट अटैक का खतरा है तो यह जांच पहले ही बता देती है जिससे मरीज अपनी जीवनशैल बदल सकता है। कार्डियाक एमआरआई में हार्ट ब्लाॅकेज और बच्चों के फेफड़ों में रुकावट का पता लगाया जा सकता है। एमआरआई एक और ऐसा इमेजिंग मोडेलिटी है जो हार्ट की मांसपेशियों की स्थिति और साथ ही दिल की धडकन का पता लगाता है। इतना ही नहीं हार्ट अटैक के बाद यह जानकारी दे सकता है कि मसल्स को कितना नुकसान हुआ है और सर्जरी की जरुरत है या नहीं। यह मायोकार्डिटीस मासंपेशियों की सूजन की जानकारी देता है जिन बच्चों का ऑपरेशन किया गया होता है और अगर दोबारा सर्जरी करनी पड़े तो कार्डियक एमआरआई से दिल कितने अच्छे से काम कर रहा है यह जानकारी मिल सकती है।

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