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उन्नाव कोर्ट में एडीजे से अधिवक्ताओं ने की मारपीट, मचा बवाल

पोक्सो एक्ट के एक मुकदमे में सुनवाई के दौरान आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज करने के मामले में बार एसोसिएशन के पदाधिकारी के साथ एडीजे की बहस ने बवाल खड़ा कर दिया है।

उन्नाव कोर्ट में एडीजे से अधिवक्ताओं ने की मारपीट, मचा बवाल
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कानपुर। पोक्सो एक्ट के एक मुकदमे में सुनवाई के दौरान आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज करने के मामले में बार एसोसिएशन के पदाधिकारी के साथ एडीजे की बहस ने बवाल खड़ा कर दिया है। एडीजे के द्वारा कानून कार्यवाही के लिए दी गयी तहरीर से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने न्यायिक परिसर में प्रदर्शन करते हुए तोड़फोड़ की और पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं किये से जाने से क्षुब्ध एडीजे ने नौकरी से अपना इस्तीफा हाईकोर्ट भेज दिया। इसको लेकर आज दिन भर भारी बवाल मचा रहा। बाद में पुलिस ने बार पदाधिकारियों सहित करीब 200 अधिवक्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। वहीं अब एडीजे ने न्यायिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति की मांग की है।


उन्नाव न्यायालय में घुसकर तोड़फोड़ और न्यायाधीश से मारपीट और अभद्रता की घटना के दूसरे दिन एडीजे ने नौकरी से इस्तीफे की अर्जी डीजे के माध्यम से हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भेजी है। साथ ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की भी मांग की है। जिला जज कार्यालय से उन्हें रिसीविंग भी मिल गई। शुक्रवार को सामान्य तरीके से न्यायालय का काम करने के बाद वह शाम को छुट्टी पर चले गए हैं। देर शाम को पुलिस ने बार एसोसिएशन अध्यक्ष, महामंत्री, दो पूर्व अध्यक्ष, पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता सहित 200 अज्ञात अधिवक्ताओं पर रिपोर्ट दर्ज की है। पॉक्सो एक्ट कोर्ट में चल रहे क्राइम नंबर 32/2021 की सुनवाई के बाद अपर जिला जज एवं अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 11/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रहलाद टंडन ने बुधवार को जमानत खारिज कर दी थी। इस पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशंकर यादव न्यायाधीश से मिलने उनके न्यायालय कक्ष में गए थे। बातचीत के दौरान ही दोनों के बीच विवाद हो गया। न्यायालय में हुए अपमान पर न्यायाधीश ने सदर कोतवाली पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर अधिवक्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की। लेकिन एडीजे की तहरीर के बाद भी पुलिस की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं हुई।

गुरुवार सुबह बार एसोसिएशन की बैठक में अधिवक्ताओ ने न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया और वकीलों का एक समूह विभिन्न न्यायालयों में काम बंद कराने लगा। इसी दौरान करीब 11 बजे अधिवक्ता विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट पहुंचे। इस दौरान अधिवक्ताओं और एडीजे के बीच फिर से विवाद हो गया। न्यायाधीश ने अधिवक्ताओं पर न्यायालय कक्ष में तोड़फोड़, फर्नीचर फेंकने और न्यायालय और न्यायाधीश की गरिमा का अनादर करते हुए अभद्रता के साथ ही यह आरोप लगाया कि अधिवक्ताओं ने उनका मोबाइल फोन भी छीन लिया था।


इस घटना से क्षुब्ध होकर शुक्रवार को एडीजे ने अपना इस्तीफा जिला जज माउज बिन आसिम के माध्यम से हाईकोर्ट प्रयागराज के रजिस्ट्रार जनरल को भेज दिया है। हालांकि इस्तीफे में उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से न्याय विभाग की सेवा न कर पाने के कारण इस्तीफा देने की बात लिखी है। एडीजे के इस्तीफा देने से मामला तूल पकड़ा तो शुक्रवार देर शाम पुलिस ने एडीजे की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की। सदर कोतवाली पुलिस ने बार एसोसिएशन अध्यक्ष रामशंकर सिंह यादव, महामंत्री जितेंद्र सिंह, पूर्व अध्यक्ष सतीश शुक्ला, गिरीश मिश्रा, पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद पाठक सहित 24 ज्ञात और करीब 200 अज्ञात के खिलाफ लोकसेवक से अभद्रता, हमला, अपमानित करने, धमकी देने, लूट का प्रयास और तोड़फोड कर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। सीओ सिटी गौरव त्रिपाठी ने बताया कि जांच के उपरांत रिपोर्ट दर्ज की गई है।

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