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NIKAY CHUNAV--खतौली के बाद अब मुजफ्फरनगर पालिका में चुनाव का फंसा पेंच!

नगरपालिका परिषद् के वार्ड 36 में पराजित प्रत्याशी रजनी गोयल ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा, भाजपा प्रत्याशी पारूल मित्तल के निर्वाचन को दी चुनौती, मतगणना में धांधली का आरोप, याचिका दायर कर की पुनःमतगणना कराने की मांग, मतगणना के दिन हुआ था दोनों पक्षों में विवाद, एक वोट से पारूल मित्तल जीती चुनाव, तीन जुलाई को होगी सुनवाई।

NIKAY CHUNAV--खतौली के बाद अब मुजफ्फरनगर पालिका में चुनाव का फंसा पेंच!
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् खतौली के निर्वाचित चेयरमैन शाहनवाज अली उर्फ लालू का कलाल ओबीसी श्रेणी का जारी जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद निकाय चुनाव को लेकर हलचल मची हुई है। खतौली चेयरमैन की कुर्सी को खतरे में बताया जा रहा है। उनका निर्वाचन रद्द करने को लेकर कानूनी लड़ाई भी लड़ी जा रही है। ऐसे में निकाय चुनाव को लेकर मुजफ्फरनगर पालिका में भी नई हलचल मची है। यहां पर भी चुनाव को लेकर पेंच फंसता नजर आ रहा है। शहर के एक वार्ड में भाजपा महिला प्रत्याशी की एक वोट के अंतर से हुई जीत को कोर्ट में चुनौती देने के साथ ही पराजित प्रत्याशी ने पुनःमतगणना कराये जाने की मांग की है। हालांकि अभी कोर्ट के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन इस मामले ने नया विवाद पैदा कर दिया है। पराजित प्रत्याशी ने कई तरह के आरोप भी लगाये हैं। उसको उम्मीद है कि प्रशासन ने उसके साथ तो न्याय नहीं किया, लेकिन न्यायालय जरूर इंसाफ करेगा।


बता दें कि नगर निकाय चुनाव के लिए जनपद में 4 मई को मतदान हुआ था और इसके बाद नवीन मण्डी स्थल में मुजफ्फरनगर पालिका के वार्ड सभासद तथा चेयरमैन पद के प्रत्याशियों के भविष्य का फैसला सुनाने को 13 मई को मतगणना कराई गई थी। मतगणना के दिन नगर के नई मण्डी से वार्ड संख्या 36 दक्षिणी भोपा रोड संजय मार्ग प्रथम में आये परिणाम के कारण अच्छा खासा विवाद और झगड़ा हो गया था। महिला के लिए आरक्षित होने के कारण यहां पर भाजपा ने पार्टी के जिला सह मीडिया प्रभारी अचिन्त मित्तल की पत्नी पारूल मित्तल को प्रत्याशी बनाया था। उनका मुकाबला पूर्व सभासद दीपक गोयल की पत्नी रजनी गोयल के साथ हुआ। जबकि इनके बीच एक निर्दलीय प्रत्याशी सोनिया पत्नी सूर्य प्रकाश भी चुनाव मैदान में उतरीं। मतगणना के दौरान दीपक गोयल ने आरोप लगाया था कि पहले उनकी पत्नी को नजदीकी मुकाबले में विजयी घोषित किया गया था, लेकिन इसके बाद भाजपा प्रत्याशी पारूल के समर्थकों ने वहां पर हंगामा खड़ा कर दिया और इसके बाद दोनों प्रत्याशियों के समर्थकों में मारपीट भी हुई थी। इस कारण मतगणना कुछ देर रूकी और फिर बाद में पारूल मित्तल को एक वोट के अंतर से विजयी घोषित करते हुए उनकी सारी आपत्तियों को दरकिनार कर विजयी प्रमाण पत्र निर्वाचन अधिकारी ने जारी कर दिया था, जबकि इस चुनाव में रजनी गोयल की जीत का दावा उनके पति दीपक लगातार करते रहे। वहीं अचिन्त मित्तल का कहना है कि चुनाव में कोई गड़बड़ी नहीं हुई, मतगणना पारदर्शी तरीके से हुई है। नजदीकी मुकाबला होने के कारण विपक्षी प्रत्याशी को गलफहमी हो रही है। वहीं दीपक गोयल का कहना है कि अचिन्त मित्तल भाजपा में पदाधिकारी हैं और इसी कारण उन्होंने अपने प्रभाव और सम्बंधों का प्रयोग कर भाजपा नेताओं के सहारे मतगणना में उनके प्रभाव के चलते जीत के लिए गड़बड़ी कराई है। दीपक गोयल ने बताया कि तीन जुलाई को उनकी याचिका पर सुनवाई होना तय किया गया है।

रजनी और पारूल में हुआ सीधा मुकाबला, ये रहा परिणाम

निर्वाचन आयोग द्वारा जारी परिणाम के अनुसार वार्ड 36 में कुल 5479 मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें से 4 मई को 43.25 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला। कुल 3667 मत पड़े। मतगणना के दौरान 69 मत निरस्त किये गये। शेष 3598 मतों में से भाजपा प्रत्याशी पारूल मित्तल को 1777 मत प्राप्त हुए जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी रजनी गोयल को 1776 मत मिले। निर्दलीय प्रत्याशी सोनिया को 31 मत प्राप्त हुए थे। यहां एक वोट से पारूल मित्तल ने जीत दर्ज की है। दीपक गोयल ने अब इस मामले में कोर्ट का सहारा लिया है। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी रजनी गोयल की ओर से जिला एवं सत्र न्यायालय में पुनःमतगणना की मांग करते हुए याचिका दायर की गयी है। उनकी याचिका पर करीब 15 दिन बाद कोर्ट खुलने पर सुनवाई होगी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने उनके साथ इस चुनाव में न्याय नहीं किया है, इसलिए ही उनको कोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा है। दीपक का कहना है कि वार्ड 36 में सभासद पद के चुनाव के लिए जनादेश उनकी पत्नी के समर्थन में आया है, जिसमें एक साजिश के तहत उनकी पत्नी को हराया गया है। इसमें कुछ नेताओं का हाथ भी हो सकता है, लेकिन उनको अब न्यायालय से ही इंसाफ की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वो प्रयास करेंगे कि जल्द से जल्द न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए पुनःमतगणना कराई जा सके।

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