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एसडी मार्किट के बाद अब एसडी पब्लिक स्कूल का नम्बर

मुजफ्फरनगर में सरकारी भूमि पर बनी जूनियर और सीनियर विंग की बिल्डिंग पर प्रशासन की नजर, भूमि वापस लेने को डीएम चंद्रभूषण सिंह ने कसी कमरा, जांच के लिए एडीएम फाइनेंस के नेतृत्व में तीन सदस्यीय नई टीम का किया गठन, डीएम ने मांगी भूमि को लेकर रिपोर्ट।

एसडी मार्किट के बाद अब एसडी पब्लिक स्कूल का नम्बर
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मुजफ्फरनगर। सभी आम और खास को हिलाकर रख देने वाले एसडी कॉलेज मार्किट प्रकरण में मंगलवार की सुबह जब अखबारों के साथ लोगों तक ये खबर पहुंची की भूमि पर मार्किट बनाकर अरबों का खेल खेलने वालों को प्रशासन ने जवाब देने के लिए दस दिन का समय दे दिया गया है, तो इसे जिला प्रशासन और खुद जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह की हार और सत्ताधारियों की जीत के रूप में देखा गया। चर्चा भी चली कि मंत्रियों ने मिलकर इलाज भर दिया, लेकिन आज ही प्रशासनिक हल्के से आई एक खबर ने फिर से हलचल पैदा कर दी है। एसडी मार्किट प्रकरण में भले ही प्रशासन ने समय देकर एक कदम पीछे हटाया हो, लेकिन अब प्रशासन की नजर इसी एसोसिएशन के पदाधिकारियों से जुड़े दूसरे शिक्षण संस्थाओं पर टिक गयी है। एसडी मार्किट प्रकरण के बाद अब सरकारी भूमि पर स्थित बताये जा रहे एसडी पब्लिक स्कूल का नम्बर आ गया है। डीएम ने इस स्कूल की जूनियर और सीनियर दोनों विंगों की भूमि की जांच के लिए नई टीम तैयार करते हुए रिपोर्ट मांगकर सरकार की भूमि को वापस लेने के लिए सख्त कार्यवाही के लिए कमर कसते हुए नया संदेश देने का काम किया है।


बता दें कि जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने एक शिकायत के बाद दि सनातन धर्म कॉलेज एसोसिएशन के स्वामित्व में चल रही एसडी कॉलेज मार्किट के खेल को उजागर करने का काम किया। इस मार्किट को जोकि 1952 में एसोसिएशन को शिक्षण कार्यों के उपयोग के लिए दी गयी थी, उस पर व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन करने के लिए बहुमंजिला इमारत बनाने, लीज के बाद से आज तक करीब 70 साल में निर्धारित किराया न चुकाने और लीज डीड का उल्लंघन करने के मामले में डीएम चंद्रभूषण सिंह के निर्देश पर जांच हुई। पहली जांच तहसीलदार सदर ने की और 26 नवम्बर को अपनी आख्या सौंपी, दूसरी जांच तीन सदस्यीय टीम में शामिल अधिकारियों ने की और अपनी संयुक्त आख्या 29 नवम्बर को सौंपी। इन दोनों जांच में 0.5730 हेक्टेयर शासकीय भूमि पर दि सनातन धर्म कॉलेज एसोसिएशन को अवैध काबिज बताते हुए कार्यवाही की संस्तुति की गयी। इस भूमि का मालिकाना हक नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर का होने के कारण डीएम के निर्देश पर ईओ पालिका हेमराज सिंह ने एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव को 27 दिसम्बर को नोटिस जारी करते हुए अवैध कब्जा हटाने, मार्किट को पालिका में निहित करने के साथ ही क्षतिपूर्ति के रूप में करीब 190 करोड़ रुपये जमा कराने का नोटिस दिया तो जिले भर में हलचल पैदा हो गयी। इस बीच सर्वे और भूमि पैमाइश के प्रशासनिक कदमों के विरोध में व्यापारी जुटे, बाजार बंदी और आंदोलन की घोषणा के बीच ही सत्ता और विपक्ष के नेता इन व्यापारियों के समर्थन में आये और संदेश दिया गया कि बाल भी बांका नहीं होगा। इसका असर सोमवार को उस खबर के रूप में देखा गया, जिसमें ईओ पालिका के द्वारा नया नोटिस देकर जवाब दाखिल करने के लिए दस दिन का समय मांगा गया। माना गया कि मंत्रियों के दबाव ने डीएम पर असर दिखाया और मामला ठण्डे बस्ते में चला गया है, लेकिन आज राहत की इस खबर का मजा डीएम की अगली कार्यवाही ने किरकिरा कर दिया है।


एसडी कॉलेज प्रकरण में 12 जनवरी तक जवाब एसोसिएशन के पदाधिकारियों को देना है। इसी बीच अब एसडी मार्किट प्रकरण के साथ ही जिला प्रशासन ने एसडी पब्लिक स्कूल को भी सरकारी भूमि पर बने होने की शिकायत का संज्ञान लेकर नया फैसला लेकर सनसनी मचा दी है। सूत्रों के अनुसार डीएम चंद्रभूषण सिंह ने एसडी पब्लिक स्कूल के भोपा रोड स्थित सीनियर विंग और रोडवेज बस स्टैण्ड के निकट बने जूनियर विंग की बिल्डिंग की जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए तीन सदस्यीय टीम बना दी गयी है। अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के द्वारा एसडी पब्लिक स्कूल जूनियर और सीनियर विंग को लेकर मिली शिकायतों का संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिये हैं। इसके लिए एडीएम फाइनेंस अरविन्द कुमार मिश्रा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई है। इसमें एडीएम फाइनेंस के साथ ट्रेजरी अफसर और एक एसडीएम को नामित किया गया है। जांच टीम को आज से ही काम करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि ये दोनों बिल्डिंग भी सरकारी भूमि पर बनी होने की शिकायत मिली हैं।

कब्जा करने वाले लोगों के भू-माफिया के तौर पर नाम दर्ज कराने की तैयारी

प्रशासन ने एसडी मार्किट प्रकरण की करीब 12 बीघा भूमि को वापस लेने और उसकी रि एंट्री कराने के लिए कार्यवाही को जारी रखने के साथ ही अब दूसरे मामलों में भी जांच कराने का निर्णय लेकर सख्त संदेश देने का काम किया है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह इस प्रकरण में सरकारी भूमि को कब्जाने वालों के खिलाफ भी बड़ी कार्यवाही करने की तैयारी में है। कहना है कि ऐसे लोगों पर आरोप साबित होने के बाद उनके नाम भू-माफियाओं के तौर पर दर्ज कराने के साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर की भी तैयारी प्रशासन के द्वारा की जा रही है। इसके लिए कानूनी रूप से भी राय मशविरा किया जा रहा है।

ईओ और तहसीलदार सदर को हाईकोर्ट में पैरवी के लिए भेजा

एसडी प्रकरण से शुरू हुआ यह सनसनीखेज मामला आगे बढ़ रहा है। सूत्रों के अनुसार डीएम शासन में मजबूती रखने के साथ ही कानूनी रूप से भी मजबूत होने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। 190 करोड़ रुपये के नोटिस के खिलाफ दि सनातन धर्म कॉलेज एसोसिएशन के पदाधिकारी हाईकोर्ट गये तो इससे पहले ही डीएम ने प्रशासनिक पक्ष की मजबूत पैरवी के लिए सॉलिड अधिवक्ताओं का एक पैनल खड़ा कर दिया। 1 जनवरी की शाम ही ईओ हेमराज सिंह और तहसीलदार सदर को हाईकोर्ट में पैरवी के लिए भेज दिया गया। बताया गया कि ईओ 5 जनवरी को वापस आयेंगे। तहसीलदार सदर का फोन मिलाया गया, लेकिन उनके हाईकोर्ट होने की उनसे पुष्टि नहीं हो पाई।

शिकायतकर्ता श्रीकांत त्यागी ने डीएम से मिल कर पेश किये नये सुबूत


इस पूरे प्रकरण में एक दो दशक से लड़ाई लड़ रहे शिकायतकर्ता श्रीकांत त्यागी ने मंगलवार को सुबह कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम चंद्रभूषण से मुलाकात की। उन्होंने डीएम को भोपा रोड पर एसडी पब्लिक स्कूल के बिल्डिंग सरकारी भूमि पर होने की शिकायत में नये साक्ष्य भी उपलब्ध कराये। श्रीकांत त्यागी का कहना है कि यह बिल्डिंग करीब 22.07 एकड़ सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बनाई गई है। इसके साथ ही उन्होंने एसएसपी आवास के सामने इसी स्कूल के जूनियर विंग की बिल्डिंग को भी सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण कर बनाने की शिकायत के दस्तावेज भी बनाये। साल 2010 में इसमें शासन के द्वारा की गयी कार्यवाही के कुछ दस्तावेज भी उन्होंने डीएम को दिये हैं। उनका कहना है कि डीएम ने ये दस्तावेज एडीएम फाइनेंस के नेतृत्व में बनाई गई जांच टीम को उपलब्ध कराने के लिए कहा है। वो सारे साक्ष्य टीम को देंगे।

डीएम बोले-मुझ पर किसी का दबाव नहीं, सीएम आदेश पर कार्यवाही

मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने मंगलवार को बातचीत में सरकारी भूमि अवैध कब्जों से छुड़ाकर वापस हासिल करने की कार्यवाही में दृढ़ प्रतिबद्धता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि दि सनातन धर्म कॉलेज एसोसिएशन के पदाधिकारिायें को 190 करोड़ रुपये के नोटिस के सम्बंध में जवाब दाखिल करने के लिए दिया गया 10 दिन का समय नैसर्गिक न्यास सिद्धांत के तहत लिया गया निर्णय है। इसमें किसी के दबाव में पीछे हटने या झुकने जैसा सवाल ही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जो सही है, हम वो कार्यवाही करेंगे। इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ को सभी तथ्यों से अवगत कराते हुए उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया गया है। मुझ पर किसी का कोई भी दबाव नहीं है। उन्होंने बताया कि एसडी पब्लिक स्कूल की भूमि की जांच के लिए टीम का गठन कर दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद अगला कदम उठाया जायेगा। यदि भूमि सरकारी हुई और इस पर किसी का अवैध कब्जा साबित हुआ तो नियमानुसार कार्यवाही करते हुए भूमि की रि एंट्री कराई जायेगी। कुछ शिकायतों के साथ हमें साक्ष्य भी मिले हैं, उनको लेकर जांच कराई जा रही है।

सरकारी भूमि पर शिक्षण संस्थाओं को मान्यता कैसे मिली? होगी जांच

मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने जिले स्तर पर जांच कमेटी का गठन करने के साथ ही शासन स्तर से भी जांच कराने का निर्णय लिया है। इस संबंध में चल रही कार्यवाही के लिए प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा होने जैसे मामलों के बीच ही शिक्षण संस्थाओं को मान्यता कैसे मिली, यह भी बड़ा सवाल है? इसको लेकर उनके द्वारा प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश और उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को भी पत्र लिखकर इन शिक्षण संस्थाओं को दी गयी विभिन्न शिक्षा बोर्ड की मान्यताओं की भी जांच कराने का आग्रह किया जा रहा है। उनका कहना है कि यह मामला गंभीर है। इसमें बड़े स्तर पर धांधली और गड़बड़ी की गई है। जो भी इस सभी में शामिल रहे हैं और जिनके खिलाफ साक्ष्य मिलेगा, कार्यवाही निश्चित तौर पर कराई जायेगी।

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