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मुजफ्फरनगर में दवा का काला कारोबार-कोरोना में बिकी नकली दवा

कोरोना काल के दौरान ड्रग्स विभाग के छापे में लिये गये दवाईयों के 148 सैम्पल में से 6 दवाई हुई फेल, डीआई ने 6 दवा व्यापारियों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब, कोर्ट में केस करेन के साथ ही विभागीय कार्यवाही की तैयारी में जुटे अफसर

मुजफ्फरनगर में दवा का काला कारोबार-कोरोना में बिकी नकली दवा
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मुजफ्फरनगर। कोरोना काल में नकली दवाईयों को बेचकर लोगों के जीवन से खिलवाड़ करते हुए आपदा को अवसर में बदलने के गंदे धंधे का खुलासा हुआ है। कोरोना काल के समय छापामार अभियान के दौरान लिये गये दवाईयों के सैम्पल में से 6 सैम्पल फेल आये हैं। इनमें कोरोना के संक्रमण के लिए दी जाने वाली दवा के साथ ही हैण्ड सेनिटाईजर और अन्य दवा शामिल हैं। इस मामले में 6 लोगों को विभागीय स्तर पर नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा गया है। साथ ही कानूनी कार्यवाही की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है।

जनपद मुजफ्फरगनर में दूसरी और तीसरी लहर के दौरान कोरोना की नकली दवाओं की बिक्री धड़ल्ले से की गई। कोरोना के उपचार में काम आने वाली फेबीमैक्स 400 एमजी टेबलेट्स सहित सेनिटाइजर एवं कई अन्य दवाओं के सैंपल फेल आने से खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में हड़कंप है। विभाग संबंधित मेडिकल स्टोर संचालकों के विरु( कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। इसके लिए 6 दवा व्यापारियों को नोटिस जारी किया गया है। कोरोना की तीसरी लहर के दौरान खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने जिले के विभिन्न मेडिकल स्टोर पर छापेमारी करते हुए सैंपलिंग की थी। जिला औषधि निरीक्षक लव कुश प्रसाद ने बताया कि जिले में विभिन्न मेडिकल स्टोर स्वामियों से 148 दवाओं के सैंपल लिये गए। जिन्हें परीक्षण के लिए लखनऊ स्थित राजकीय जन विश्लेषक प्रयोगशाला भेजा गया। इनमें से 60 की परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिनमें 6 सैंपल की रिपोर्ट पूरी तरह से स्पूरियस (नकली) होने की प्राप्त हुई है।

जिला औषधि निरीक्षक लव कुश प्रसाद ने बताया कि परीक्षण रिपोर्ट के मुताबिक जांच में फेबीमैक्स 400 एमजी टेबलेट्स नकली पाई गई। इस दवा का सैंपल विजय लक्ष्मी मेडिकल स्टोर से लिया गया था। मेडिकल स्टोर के स्वामी तोताराम पुत्र प्रकाश चंद को नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा ट्रमाडोल हाईड्रोक्लाराइड एंड एसिटोमिनोफेन यानी पेट दर्द निवारक टेबलेट्स अलट्रासेट का सैंपल भी स्पूरियस पाया गया। इस मामले में दवा व्यापारी बलराज गर्ग पुत्र जनार्दन स्वरूप को नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि सैन इंडिया हैंडरब विद लैमन एंड टी 20 प्रतिशत एल्कोहल का भी सैंपल फेल पाया गया। जिसके चलते राधा कृष्ण स्व. परशुराम भगत के विरु( नोटिस जारी किया गया। एक अन्य सैनिटाइजर लाइफ क्योर हैंड सेनिटाइजर का सैंपल फेल आने पर मोहित गुप्ता पुत्रा सुभाष गुप्ता के विरुद्ध नोटिस जारी किया गया। वहीं सागर गुप्ता पुत्र मुकेश कुमार के मेडिकल स्टोर से लिये गये इंस्टेंट हैण्ड रब सेनिटाइजर का सैम्पल भी फेल आया है। उनको भी नोटिस दिया गया है। इसके अलावा लक्ष्मी मेडिकल स्टेार से सीफैक्जीम 200 एमजी टेबलेट का सैंपल भी फेल पाया गया। जबकि शमशाद अली पुत्र लियाकत अली के मेडिकल स्टोर से लिया गया इंटेरिक कोटेड रेबेप्राजोल सोडियम एण्ड डोमपेरिडोन संसटेंट रिलीज कैपसूल रेबीगोस डीएसआर का सैम्पल फेल आने पर मेडिकल स्टोर संचालक को नोटिस दिया गया है। जिला औषधि निरीक्षक लव कुश प्रसाद ने बताया कि सैंपल फेल आने पर संबंधित दवा विक्रेताओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। जिसके बाद अब सभी के विरुद्ध कोर्ट में नकली दवाओं की बिक्री करने के आरोप में वाद दायर करने की तैयारी चल रही है।

बता दें कि कोरोना काल में दूसरी लहर के दौरान जब संक्रमण की दहशत लोगों के दिमाग पर थी और लोगों की बड़ी तादाद में मौत हो रही थी। उस समय बहुत से लोग कोरोना वायरस से संक्रमित होने के चलते दुनिया से चले गए। लेकिन जो लोग संक्रमित हुए और जो नहीं भी हुए उन्हें कोरोना की दहशत ने बहुत परेशान किया। ऐसे हालात में समाज का हर तबका एक-दूसरे के काम आया। लेकिन उस दौरान कुछ लोग ऐसे भी रहे जिन्होंने संक्रमित मरीजों की जान की परवाह किये बिना आपदा को अपने लिये अवसर में बदला और ऐसे मरीजों की जान से खेला। इन दवाईयों के सैम्पल फेल होने से विभागीय स्तर पर भी हड़कम्प है। अब देखना है कि जिला प्रशासन ऐसे लोगों से कितनी सख्ती से निपटता है।

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