हाईकोर्ट में जीतीं चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल, अधिकार वापस
वित्तीय अधिकार सीज करने के शासन के आदेश को आदालत ने किया निरस्त, कुर्सी पर पूरी ताकत के साथ बहाल हुई नगरपालिका परिषद् अध्यक्ष, विपक्षियों में छाया सन्नाटा।
मुुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् अंजू अग्रवाल को आखिरकार हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट इलाहाबाद की डबल बेंच ने शासन के वित्तीय अधिकार सीज करने के मामले में उनकी रिट पर सुनवाई करते हुए आज 4 बिन्दुओं पर शासन के आदेश को क्वैश ;निरस्तद्ध कर दिया। इसके साथ ही हाईकोर्ट में चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल न केवल जीतीं, बल्कि पूरी ताकत के साथ उनकी कुर्सी पर वापसी का रास्ता भी खुल गया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई आरसी की कार्यवाही को भी रोकने के आदेश जारी कर दिये है। चेयरपर्सन के लिए यह बड़ी राहत मानी जा रही है।
बता दें कि शासन में चल रही जांच के बाद नगर विकास विभाग से उनको चार बिन्दुओं पर भेजे गये नोटिस के आधान पर कांवड यात्रा के दौरान 20 जुलाई को उनके वित्तीय अधिकार सीज कर दिये गये थे। इसके बाद से ही नगरपालिका में उथल पुथल मच गयी। शासन के आदेश के खिलाफ चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल ने हाईकोर्ट में रिट दायर की। इसी बीच उनके खिलाफ जिला प्रशासन ने ऑटो रिक्शा का ठेका छोड़ने और अन्य शिकायतों में शासन द्वारा जारी आदेश के तहत 1.95 लाख रुपये की रिकवरी के लिए आरसी जारी कर दी थी। तहसीलदार सदर के आदेश पर उनके घर पर आदेश भी चस्पा कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने इस मामले में भी रिट दायर की।
आज हाईकोर्ट में न्यायाधीष मनोज गुप्ता की खण्डपीठ ने सुनवाई करते हुए चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को बड़ी राहत दी है। इस जीत के साथ एक बार फिर से अंजू अग्रवाल के खिलाफ चल रही साजिशों का भण्डाफोड़ हुआ और वह निखरकर सामने आयी है। उन्होंने अपनी जीत को भारतीय संविधान की जीत और परमात्माा की अनुकम्पा बताते हुए कहा कि वह आज भी अपने कार्यकाल के लिए जनता के बीच पाई पाई का हिसाब देने को तैयार हैं, लेकिन उनके विरोधी भी जनता को बतायें कि उन्होंने एक जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता के हित में कौन सा काम करके दिखाया है। इस जीत से उत्साहित चेयरपर्सन ने कहा कि अब वह पालिका में जनहित में लिये गये अपने निर्णयों को पूरा कराते हुए जनता के भले के लिए जो काम किसी दबाव में रोक दिये गये, उनको पूरा कराने के लिए सबसे पहले कदम उठायेंगी। सुनवाई के दौरान चेयरपर्सन स्वयं अपने अधिवक्ताओं के साथ हाईकोर्ट में उपस्थित रहीं। अब वह पूरी ताकत के साथ कुर्सी संभालने की तैयारियों में जुट गयी है।