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MUZAFFARNAGAR-इस्तीफा जेब में लेकर प्रधानों ने विकास भवन कब्जाया

आचार संहिता के बीच भी ग्राम पंचायतों के काम में अनावश्यक दबाव बनाने पर जताया आक्रोश, गेट पर लगाया ताला, सीडीओ के खिलाफ एकजुट नजर आये ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव, सीडीओ पर तानाशाही का आरोप, कार्य बहिष्कार का ऐलान

MUZAFFARNAGAR-इस्तीफा जेब में लेकर प्रधानों ने विकास भवन कब्जाया
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मुजफ्फरनगर। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के साथ ग्राम प्रधानों की चल रही तनातनी को लेकर पनप रहा अंदरूनी आक्रोश आखिरकार आज पूरी तरह से सड़क पर आकर फूटता दिखाई दिया। अपने जब में इस्तीफा लेकर भारी संख्या में गांवों से जिला मुख्यालय पहुंचे ग्राम प्रधानों ने ग्राम पंचायत सचिवों के साथ मिलकर विकास भवन का घेराव करते हुए धरना प्रदर्शन किया, इस दौरान गुस्साये प्रधानों ने विकास भवन का मुख्य द्वार भी बंद कर पूरी तरह से कब्जा जमा लिया और कार्य बहिष्कार का ऐलान करते हुए सीडीओ संदीप भागिया पर ग्राम पंचायतों के कामकाज में अनावश्यक दखल देते हुए अपनी तानाशाही चलाने के आरोप लगाते हुए आक्रोश प्रकट किया। प्रधानों ने गौशालाओं के लिए भूसादान और राज्य वित्त निधि से 4 प्रतिशत अंशदान दिये जाने की जबरिया प्रथा के खिलाफ भी आवाज उठाते हुए इसे बंद कराने की मांग की। दस प्रधानों पर मुकदमा और गांवों में कूड़ा घर निर्माण की व्यवस्था का भी विरोध करते हुए अखिल भारतीय ग्राम प्रधान संगठन ने 13 सूत्री मांग पत्र डीएम के नाम सौंपते हुए ऐलान किया कि जब तक मांगों को पूर्ण नहीं किया जाता है, ग्राम प्रधान अपने गांवों में किसी भी योजना और विकास कार्य को नहीं करायेंगे।


अखिल भारतीय ग्राम प्रधान संगठन के आह्नान पर बुधवार को जिले के करीब 487 ग्राम प्रधान और 131 ग्राम पंचायत सचिव एकजुट होकर गांवों से मिला मुख्यालय पहुंचे और उन्होंने विकास भवन परिसर में टैंट लगाकर धरना शुरू कर दिया। इन प्रधानों ने पूरी तरह से सीडीओ संदीप भागिया की कार्यप्रणाली को तानाशाही रवैया करार देते हुए जमकर आक्रोश जताया। गर्मी में पसीना-पसीना ग्राम प्रधान और सचिवों ने विकास भवन परिसर को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया और अफसरों व कर्मचारियों को भी बंधक बनाते हुए मुख्य द्वार पर कब्जा जमाकर उसको बंद करा दिया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप पुंडीर ने कहा कि सीडीओ मनमानी और हठधर्मिता के साथ तानाशह बने हुए हैं। वो ग्राम पंचायतों में प्रधानों को बेइज्जत करने के साथ ही कामकाज में अपना दबाव बना रहे हैं। जो कार्य जनहित में नहीं है, उनको करने के लिए प्रधानों को मजबूर किया जा रहा है। प्रधानों के खिलाफ होने वाली झूठी शिकायतों में भी पुलिस और प्रशासन के अफसर संवेदनशील होकर कार्य नहीं कर रहे हैं। इसी को लेकर आज ग्राम प्रधान और सचिव एकजुट हुए हैं और आरपास की लड़ाई का मन बना लिया है। जिलाध्यक्ष अशोक राठी प्रधान दूधाहेडी ने कहा कि आज सभी ग्राम प्रधान सामूहिक इस्तीफा देने के लिए यहां आये, वो अपनी जेबों में अपना इस्तीफा लेकर आये थे। जिस पद में सम्मान ना हो और स्वतंत्रता बाकी न रहे, ऐसे में पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। ग्राम पंचायत एक स्वतंत्र बॉडी है, इसमें सीडीओ मनमानी कर रहे हैं।


प्रधान संगठन की ओर से एक 13 सूत्री मांग पत्र जिलाधिकारी के नाम दिया गया। इसमें प्रधानों ने कहा कि सीडीओ द्वारा तानाशाही रवैया अपनाकर ग्राम पंचायतों में कराये जाने वाले कार्यों को कराने में अनावश्यक दबाव दिया जा रहा है। आदेश नहीं मानने पर प्रधानों का उत्पीड़न हो रहा है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद भी सीडीओ प्रधानों पर गलत ढंग से दबाव बना रहे हैं। प्रधानों का गहना है कि शासन की सभी योजनाओं का क्रियान्वयन प्रदेश के सभी जनपदों में नियमानुसार किया जा रहा है, परन्तु किसी भी जनपद में ग्राम पंचायतों में चल रही योजनाओं के लिए इस तरह से कोई अफसर प्रधानों पर दबाव बनाने का काम नहीं कर रहा, जैसा यहां सीडीओ संदीप भागिया करते हुए तानाशाही चला रहे हैं। वो केवल हठधर्मिता से कार्य कराने के लिए विवश कर रहे हैं। सीडीओ संदीप भागिया के इसी तानाशाही रवैये के खिलाफ प्रधान संगठन ने जनपद की सभी ग्राम पंचायतों में कार्य बहिष्कार का ऐलान करते हुए कहा कि जब तक सभी मांगों का सम्मानजनक हल प्रशासन नहीं करता है, तब तक प्रधान अपनी ग्राम पंचायतों में किसी भी योजना और विकास कार्य को नहीं करायेंगे, न ही कोई सहयोग दिया जायेगा।

प्रधानों ने चरथावल विकास खंड के दस ग्राम प्रधानों ने एक आरटीआई कार्यकर्ता की झूठी शिकायत पर एससी एसटी एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा करने पर भी रोष जताया और इसे स्पंज करने की मांग की। इसके साथ ही आरआरसी निर्माण कार्य की वित्तीय एवं तकनीकी स्वीकृति दिलाने, लीचपीट निर्माण में अनावश्यक दबाव खत्म कराने, आरआरसी संचालन में बनी समस्याओं का समाधान कराने, मनरेगा में पक्के निर्माण कार्य में अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है, दो वित्तीय वर्ष से भुगतान नहीं हुआ, जिसमें अन्नपूर्णा भवन और आंगनबाडी भवन का निर्माण शामिल है। ग्राम पंचायतों की कार्ययोजना से इतर कोई अन्य कार्य नहीं कराने, जन शिकायत ऐप पर प्राप्त शिकायतों की सुनवाई को बंद कराने, छुट्टा पशुओं को पकड़वाने का बजट, भूसादान और गौशालाओं के लिए 4 प्रतिशत कटौती विषयों को उठाते हुए समाधान की मांग की गयी है।


धरने की अध्यक्षता ओमबीर प्रधान टिटौडा और संचालन डा. उस्मान प्रधान रूडकली तालाब अली ने की। इस दौरान मुख्य रूप से ग्राम प्रधानों में प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप पुंडीर, जिलाध्यक्ष अशोक राठी, रविन्द्र प्रधान, उस्मान, शुएब अहमद, प्रीति चौधरी, जहीर अहमद, सतेन्द्र बालियान, राहुल भौराकलां, मनोज कुमार, सुभानी चित्तौडा, मोनू भराहेडी, बबलू खेडी गनी, शिवेन्दर कुमार, संजय त्यागी, आदित्य चंगेज खां आदि के अलावा ग्राम सचिव पंकज कुमार, अनुरोध सिंह, रविन्द्र नागर, हरीश चन्द्र, उमेश कुमार, विनय त्यागी, पवन कुमार, आलोक कुमार, सुरजीत सिंह, निसार अहमद, अवधेश पुंडीर और मोहन कुमार आदि मौजूद रहे।

बहुओं को मायके से लिवाने के लिए गन्ने की कमाई भी खर्च कर रहे प्रधानः प्रीति

मुजफ्फरनगर। विकास भवन में ग्राम प्रधान संगठन के धरने के दौरान प्रधानों ने अपनी अपनी पीड़ा और प्रधानी की चुनौतियों को भी अपने ढंग से पेश किया। हैदरपुर जलालपुर की ग्राम प्रधान प्रीति चौधरी ने कहा कि प्रधानी करना आसान नहीं है। दिन रात की नींद और भूख के साथ ही प्रधानों को अपने खेतों की गन्ने की फसल का पैसा भी लोगों के कामकाज के लिए खर्च करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि रात दिन फोन खुला रखना और जनता की दो बातों को सुनना प्रधानों का रोजमर्रा का काम हो गया है। प्रधानों को विकास कार्यों के साथ ही घर के झगड़ों को निपटाने में भी जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है। यहां तक की रूसकर अपने मायके गई बहुओं को लिवाने के लिए बिना वजह के बिचौलिये ग्राम प्रधान बने हुए हैं। ऐसे में गाड़ी, चाय नाश्ता और रूठी बहु को एक रात अपने परिवार के बीच रखकर उसका मान मनौव्वल करने सहित अन्य खर्च भी प्रधानों के जिम्मे है। उन्होंने कहा कि एक बार उनके गांव में एक परिवार के दो पक्षों में रात को झगड़ा हो गया तो रात एक बजे परिवार की बच्ची ने उन्हें फोन मिला दिया और कह दिया कि प्रधानन सो री, हमारे घर राड हो गी, अभी आना पड़ेगा।

बाबा महेन्द्र सिंह टिकैत को श्रद्धांजलि, बीकेयू के लगे नारे, बत्ती रही गुल

मुजफ्फरनगर। ग्राम प्रधानों के धरने पर भाकियू का पूरा अंदाज नजर आया। प्रधानों ने धरना शुरू करने से पहले धरना स्थल पर ही मेज लगाकर किसानों के मसीहा स्वर्गीय चौ. महेन्द्र सिंह टिकैत की 13वीं पुण्यतिथि मनाई और उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए किसान हित में किये गये उनके योगदान और बलिदान को याद किया। इसी दौरान धरने पर अपने अपने सम्बोधन के दौरान कई ग्राम प्रधानों ने भाकियू जिन्दाबाद के नारे लगाकर जोश भरने के साथ ही दूसरा संदेश देने का काम भी किया। वहीं भीषण गर्मी के बीच धरने पर डटे प्रधानों ने बड़े कूलरों का इंतजाम तो किया था, लेकि दोपहर बाद तक भी उन कूलरों को चलाने के लिए विकास भवन से बिजली का कनेक्शन नहीं जुड़वाया गया। पसीने से तरबतर प्रधानों ने जब माइक से रोष जताया और विकास भवन के नाजिर को तलब किया तब कहीं जाकर बिजली कनेक्शन मिला और कूलर चल पाये।

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