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ROBBERY--मुजफ्फरनगर के डकैतों ने देहरादून में डाली डकैती

11 अपै्रल को स्कूल कर्मचारी के चचेरे भाई ने दिया था वारदात को अंजाम, मुजफ्फरनगर के पचैण्डा कलां गांव के चार युवकों सहित पांच बदमाश दबोचे

ROBBERY--मुजफ्फरनगर के डकैतों ने देहरादून में डाली डकैती
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मुजफ्फरनगर/देहरादून। पैसा कमाने के शाॅर्ट कट का लालच ऐसा आया कि अपने ही चचेरे भाई के विश्वास को दगा देकर उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर के एक गांव के चार युवकों ने डकैत बनकर अपने एक अन्य साथी के साथ उत्तराखंड के देहरादून में स्कूल संचालक के घर पर डकैती की वारदात को अंजाम दे डाला। प्लान पूरा सटीक बनाया गया था, लेकिन बदमाश अपनी ही चालबाजी में पुलिस के हत्थे चढ़ गये। इस वारदात का पुलिस ने चार दिन के भीतर ही खुलासा कर दिया है। इसमें सीसीटीवी फुटेज पुलिस की सबसे बड़ी मददगार बनी हैं।

डीआईजी देहरादून दलीप सिंह कुंवर ने अपने कार्यालय में शनिवार की सुबह इस भीषण डकैती की वारदात का सनसनीखेज खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 11 अप्रैल को संदीप अग्रवाल पुत्र विनोद अग्रवाल निवासी ब्लाॅक-सी नेहरू काॅलोनी के घर डकैती की वारदात हुई। इस घटना के दौरान चार बदमाश घर में घुसे थे, पांचवें बादश ने बाहर निगरानी की। घर में घुसे डकैतों ने संदीप की मां सुनीता, पिता विनोद और बहन रश्मि को बंधक बनाकर भयभीत किया और फिर उनसे गहने और नगदी लूटी। जबकि, संदीप की पत्नी निमिषा ने बदमाशों के घर में घुसने के बाद प्रथम तल में बने कमरे में खुद को बंद करके उनसे बचा लिया था। बदमाशों ने निमिषा को भी लूटने के लिए परिवार को भयभीत किया, लेकिन वो सफल नहीं हो पाये और पकड़े जाने के डर से वहां से माल लूटकर फरार हो गये थे। डीआईजी ने बताया कि इन बदमाशों ने संदीप के घर में 10 मिनट में वारदात अंजाम दिया था। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपियों ने स्कूटर-बाइक की नंबर प्लेट काले रंग की टेप लगाकर ढक दी थी ताकि आते जाते वो किसी भी सीसीटीवी कैमरे में कैद होने के दौरान वाहनों के नम्बर से ट्रेस न हो पायें।

डकैतों में मुजफ्फरनगर के गांव पचैण्डा कलां के चार युवक शामिल

डीआईजी के अनुसार, डकैती में एसओजी और नेहरू काॅलोनी पुलिस की संयुक्त टीम ने विपिन, विकास, सचिन और अंकित निवासी पचेंडाकला नई मंडी मुजफ्फरनगर, यूपी और विकास जायसवाल हाल निवासी-)षिकेश मूल निवासी-अमर काॅलोनी ईस्ट गोकुलपुर दिल्ली को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों से डकैती के सभी गहने, तमंचा और चाकू बरामद किए।

ये है वारदात का पर्दाफाश कर बदमाशों को दबोचने वाली टीम

खुलासा करने वाली टीमरू इंस्पेक्टर एसओजी मुकेश त्यागी, एसओ नेहरू कॉलोनी लोकेंद्र बहुगुणा, फव्वारा चैक चैकी इंचार्ज बलवीर डोभाल, जोगीवाला चैकी इंचार्ज पंकज तिवारी, बाईपास चैकी इंचार्ज देवेश खुगशाल, डिफेंस कॉलोनी चैकी इंचार्ज सतबीर बिष्ट, एसआई हर्ष अरोड़ा, दीपक धारीवाल, अमित ममगाईं, सिपाही श्रीकांत ध्यानी, आशीष राठी, बृजमोहन, ललित, आशीष, किरन, देवेंद्र, पंकज, विपिन राणा, अमित, कमल जोशी, सोनी शामिल रहे। पुलिस टीम को आईजी-रेंज करन सिंह नगन्याल ने 50 हजार और डीआईजी दलीप सिंह कुंवर ने 20 हजार का नगद इनाम देने की घोषणा की।

कई बार डकैतों ने की संदीप के घर की रेकी

देहरादून पुलिस के अनुसार सीसीटीवी फुटेज जांचने पर सामने आया कि इस वारदात से पहले भी रेकी हुई। इसके जरिए आरोपियों के वाहनों के नंबर मिले और वे गिरफ्त में आ गए। नेहरू काॅलोनी में स्कूल संचालक के घर पांच बदमाशों ने करीब चार दिन पहले भीषण डाका डाला था। इस मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें स्कूल कर्मचारी का चचेरा भाई शामिल है। उसने ही स्कूल संचालक के परिवार की जानकारी जुटाई थी। वारदात से पहले एक और 10 अप्रैल को आरोपी मौके पर पहुंचे थे, लेकिन तब वे कामयाब नहीं हो सके थे। इसके बाद 11 अप्रैल को डकैती डाली गई। पुलिस ने पहले लूट का मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन खुलासे के बाद इसे डकैती में तरमीम कर दिया गया।

चचेरे भाई के शातिराना अंदाज से गुड्डू भी हैरत में, नहीं हो रहा यकीन

डीआईजी दलीप सिंह कुंवर के अनुसार, संदीप अग्रवाल के सेंट एनीज पब्लिक स्कूल में मुजफ्फरनगर जनपद का मूल निवासी गुड्डू कुमार भी कर्मचारी है। उसके पास मुजफ्फरनगर जनपद के गांव पचैण्डा कलां से उसका चचेरा भाई विपिन अक्सर आता था। विपिन कई बार काम की तलाश और कई बार घूमने के लिए यहां आया तो वो गुड्डू के पास ही ठहरता था। उसने कई बार गुड्डू से मिलने के बाद स्कूल मालिक संदीप और उसके परिवार के बारे में जानकारी जुटाई। उसे पता चला कि मौजूदा समय में स्कूल में प्रवेश सत्र चल रहा है। ऐसे में बच्चों के प्रवेश के कारण पैसा आ रहा था। विपिन ने अंदाजा लगाया कि संदीप के घर में काफी नगदी हो सकती है। इस पर उसने चार साथियों संग वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई और गुड्डू को इसकी भनक तक लगने नहीं दी। कर्मचारी गुड्डू स्कूल संचालक संदीप अग्रवाल के परिवार का विश्वास पात्र है। अक्सर विभिन्न आयोजन और कामकाज के लिए वह संदीप के घर आता-जाता रहा है। स्कूल परिसर में उसे दो कमरे दिए गए हैं। जब घर में बदमाश घुसे तो प्रथम तल पर मौजूद संदीप की पत्नी ने सबसे पहले गुड्डू को फोन किया था। इसके बाद इस घटना की जानकारी पुलिस तक पहुंची थी। तब तक भी गुड्डू को यह नहीं पता था कि डकैतों में उसका चचेरा भाई शामिल है। अब जब पुलिस ने खुलासा किया है तो गुड्डू हैरत में है।

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