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किसानों की बात लेकर दिल्ली पहुंचे धर्मेन्द्र मलिक

12 जून से जिनेवा में शुरू हो रहे डब्ल्यूटीओ के मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में देश के किसानों के हितों को लेकर काम करने की सरकार से मांग।

किसानों की बात लेकर दिल्ली पहुंचे धर्मेन्द्र मलिक
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मुजफ्फरनगर। जिनेवा में डब्ल्यूटीओ के द्वारा बुलाये गये वैश्विक मंत्री स्तरीय सम्मेलन में देश के किसानों की समस्याओं और उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ही फैसला करने की केन्द्र सरकार से मांग की गयी है। इसके लिए भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल आज दिल्ली में वाणिज्य मंत्रालय में पहुंचकर किसानों का पक्ष रखा और एमएसपी, सब्सिडी आदि विषयों को उठाते हुए अपनी मांग के समर्थन में एक पत्र सौंपा।

भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का गठन कर टिकैत बंधुओं के किसान संगठन से अलग हुए किसान नेता धर्मेन्द्र मलिक ने अपने संगठन के कई बड़े पदाधिकारियों के साथ दिल्ली जाकर किसानों का पक्ष सरकार के समक्ष रखा है। उन्होंने बताया कि 12 जून से जिनेवा में विश्व व्यापार संगठन )डब्ल्यूटीओ( के मंत्री स्तरीय सम्मेलन का शुभारम्भ हो रहा है। इसमें विश्व भर से मंत्री एवं विशेषज्ञ प्रतिभाग कर रहे हैं। कृषि और अन्य विषयों पर इसमें विचार विमर्श होगा। आयात निर्यात की बात भी होगी। ऐसे में कृषि और किसानों के मुद्दों के समाधान के लिए भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के प्रतिनिधि मंडल ने केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव दिवाकर मिश्रा से मुलाकात कर देश के किसानों के कुछ प्रमुख मुद्दों को उठाया और अपनी शंकाओं को भी उनके सामने जाहिर करते हुए देश के किसानों के हितों के विपरीत कोई समझौता जिनेवा में नहीं करने की मांग की।

धर्मेन्द्र मलिक ने बताया कि विश्व व्यापार संगठन की जिनेवा में होने वाली मंत्रीस्तरीय बैठक को लेकर संयुक्त भाकियू अराजनैतिक की ओर से सचिव वाणिज्य मंत्रालय के समक्ष किसानों का पक्ष रखते हुए उनको एक पत्र भी सौंपा गया, जिसमें कहा गया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य, खाद्य सब्सिडी पर किसान हितों से कोई समझौता सरकार के द्वारा न किया जाये। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में धर्मेन्द्र मलिक के साथ भाकियू अराजनैतिक के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी, प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश राजबीर सिंह भी शामिल रहे।

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