पंचायत चुनाव के आरक्षण के अंतिम प्रकाशन पर लगी रोक, मची हलचल
आरक्षण के सम्बंध में 11 फरवरी 2021 को जारी शासनादेश के खिलाफ अजय कुमार द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका संख्या 6929/2021 योजित की गयी है। इस याचिका की सुनवाई करते हुए 12 मार्च को हाईकोर्ट ने सरकार को पदीय आरक्षण की अंतिम सूची के प्रकाशन पर रोक लगा दी है।
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में होने जा रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए चल रही आरक्षण प्रक्रिया को लेकर आपित्तयों का निस्तारण करने के दिन ही आरक्षण के अंतिम प्रकाशन पर रोक लगा दी गयी। हाईकोर्ट ने इसके लिए सरकार को आदेश दिये।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी किये गये आरक्षण फार्मूले के इस मामले में दायर याचिका की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने सरकार को यह आदेश दिये हैं। इसके साथ ही यूपी में सनसनी फैल गयी। लोगों में इस पाबंदी को लेकर चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। सोमवार को आरक्षण के अंतिम प्रकाशन को लेकर अदालत का फैसला आ सकता। फिलहाल चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटे लोगों के बीच नया कौतूहल पैदा हो गया है। अदालत के आदेश के बाद राज्य के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर आरक्षण की अंतिम सूची शासन के अग्रिम आदेशों तक प्रकाशित नहीं करने के निर्देश दिये हैं।
बता दें कि 3 मार्च को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए प्रदेश शासन द्वारा पदीय आरक्षण और आवंटन की सूची जारी कर दी थी। इसके साथ ही जनपद मुजफ्फरनगर की 498 ग्राम पंचायतों में प्रधान पद, जिला पंचायत सदस्य पद, ब्लाॅक प्रमुख पद और बीडीसी सदस्यों के पदों के लिए भी आरक्षण और आवंटन कर दिया गया था। 8 मार्च से इस आरक्षण पर आपत्तियों का दौर चल रहा था। आज आपित्तयों का निस्तारण कराया गया। इसके साथ ही 15 मार्च तक शासन ने आरक्षण और आवंटन की आपत्तियों का निस्तारण करते हुए आरक्षण की अंतिम सूची जारी करने का समय निर्धारित किया था। इसके लिए प्रदेश के साथ ही जनपद में भी जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ था, लेकिन आज हाईकोर्ट ने अंतिम आरक्षण सूची जारी करने पर रोक लगाकर हलचल बढ़ा दी है।
जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को हाईकोर्ट में आरक्षण आवंटन के खिलाफ दायर की गयी एक याचिका को स्वीकार करते हुए अदालत ने स्टे जारी किया है। इसमें राज्य सरकार को आरक्षण और आवंटन की अंतिम सूची का प्रकाशन कराये जाने पर फिलहाल रोक लगा दी गयी है। उन्होंने बताया कि इसके लिए राज्य के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का पत्र भी प्राप्त हो गया है। इसके आधार पर फिलहाल आरक्षण की अंतिम सूची को रोक दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को जारी पत्र में अवगत कराया है कि त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2021 के लिए पदों के आरक्षण के सम्बंध में 11 फरवरी 2021 को जारी शासनादेश के खिलाफ अजय कुमार द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका संख्या 6929/2021 योजित की गयी है। इस याचिका की सुनवाई करते हुए 12 मार्च को हाईकोर्ट ने सरकार को पदीय आरक्षण की अंतिम सूची के प्रकाशन पर रोक लगा दी है। मनोज कुमार ने आदेश दिये हैं कि शासन इस सम्बंध में शासन के अग्रिम आदेश आने तक पदीय आरक्षण और आवंटन की अंतिम सूची का प्रकाशन न कराया जाये। सूत्रों का कहना है कि सोमवार को हाईकोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई होगी। इसके बाद ही आरक्षण की अंतिम सूची के लिए आगामी कार्यवाही की स्थिति साफ हो पायेगी।