MUZAFFARNAGAR--शुक्रवार को किसानों का डीएम कार्यालय पर हल्ला बोल
राकेश टिकैत ने किया यूपी के जिला मुख्यालयों पर ट्रैक्टर मार्च का ऐलान, कहा-कहीं बाढ़ तो कहीं सूखें ने किसानों को कर दिया बर्बाद, 15 अगस्त की ट्रैक्टर मार्च की घोषणा को भाकियू ने लिया वापस, राष्ट्रीय प्रवक्ता बोले-बिजली महकमे से हो रहा किसानों का गंभीर उत्पीड़न।
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मुजफ्फरनगर। किसानों की समस्याओं और अन्य मुद्दों को लेकर 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर मार्च का ऐलान करने वाली भारतीय किसान यूनियन के शीर्ष नेतृत्व ने अब अपने कदम तीन दिन पीछे खींचते हुए इस आंदोलन की रूपरेखा को बदलते हुए नया कार्यक्रम तय कर दिया है। भाकियू ने 15 अगस्त के कार्यक्रम को स्थगित करते हुए अब शुक्रवार को किसानों की समस्याओं, बाढ़ और सूखा से हुए नुकसान का मुआवजा, जंगली जानवरों पर अंकुश और बिजली विभाग की मनमर्जी के खिलाफ प्रदेश व्यापी आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है। इस दिन किसानों से अपने अपने जिलों में डीएम दफ्तर कर घेराव करते हुए खाना-पीना लेकर गांवों से जिला मुख्यालय की ओर ट्रैक्टर मार्च पर निकले का आह्नान कर दिया गया है।
प्रदेश के किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होने, बाढ़ और सूखा की स्थिति में किसानों की परेशानियों की अनदेखी किये जाने और गन्ना मिलों से बकाया भुगतान नहीं दिलाये जाने पर भारतीय किसान यूनियन के द्वारा 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया गया था। इसको लेकर प्रदेश भर में हलचल थी। इसी बीच यूनियन के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा 15 अगस्त के इस किसान आंदोलन को स्थगित करते हुए वापस ले लिया गया है। इसके साथ ही इस आंदोलन से तीन दिन पीछे हटते हुए नये आंदोलन का ऐलान किया है। यूनियन के शीर्ष नेतृत्व का कहना है कि अब किसान 15 अगस्त को नहीं, बल्कि 11 अगस्त को अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए ट्रैक्टर, तिरंगा और यूनियन का झंडा लेकर सड़कों पर उतरेंगे। इस सम्बंध में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चै. राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी करते हुए नये अंादोलन की रूपरेखा को सामने रखा है।
उन्होंने कहा कि इस साल किसानों को बड़ी भयंकर बर्बादी देखने पड़ रही है। उत्तर प्रदेश के साथ ही हरियाणा और उत्तराखंड राज्यों में भी अत्याधिक वर्षा और इसके कारण नदियों में आई बाढ़ ने बड़े पैमाने पर फसलों को बर्बाद कर दिया है। यूपी में कहीं तो बाढ़ का कहर है और कहीं सूखा पड़ने के कारण किसानों के खेतों में खड़ी फसल झुलस गई है। इससे किसानों को बड़े स्तर पर आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है। इसके साथ ही बिजली का मुद्दा भी बड़ा है। महंगी बिजली और इसके बाद किसानों पर बिल अदा न करने के कारण बड़ी पैनल्टी ने परिवारों को मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न का शिकार बनाकर रख दिया है। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। गन्ना मिल बकाया भुगतान नहीं दे रही हैं, घर चलाना मुश्किल हो रहा है और ऐसे में बिजली बिल की बढती पैनल्टी ने नींद उड़ा रखी है। सरकार किसानों की सुध लेने के बजाये बड़ी वाहन कंपनियों का लाभ पहुंचाने के लिए किसानों के पुराने ट्रैक्टरों को चलने नहीं दे रही है, एनजीटी का बहाना बनाया जा रहा है। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को किसान हित में ट्रैक्टरों को एनजीटी के दायरे से बाहर करवाना चाहिए। इसके साथ ही कई स्थानीय मुद्दे भी किसानों की समस्याओं का कारण बने हुए हैं। उन्होंने यूनियन के पदाधिकारियों और किसानों से आह्नान करते हुए कहा कि स्थानीय मुद्दों और समस्याओं को लेकर 11 अगस्त शुक्रवार को गांवों से खाना पीना लेकर सभी को एकजुटता के साथ अपने अपने जिलों में जिला मुख्यालय पर ट्रैक्टर मार्च निकालना है। किसान डीएम दफ्तर का घेराव करते हुए ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने शांतिपूर्वक ढंग से ट्रैक्टर लेकर प्रदर्शन पर निलकने की अपील की है।
आपस में लड़ने के बजाये मिलकर सरकार से लड़ना होगा
भाकियू नेता राकेश टिकैत ने अपने संदेश में संगठनात्मक रूप से एकता के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यूपी में जिन भी जिलों में दो या इससे ज्यादा गु्रप हैं, वो आपस में सामंजस्य बैठाकर एक साथ एक ही मंच पर आकर प्रदर्शन करेंगे। 11 अगस्त को जिलों में अलग अलग प्रदर्शन नहीं होने चाहिए। क्योंकि 15 अगस्त को ब्लाॅक मुख्यालय पर होने वाला ट्रैक्टर मार्च आंदोलन अब नहीं होगा, सभी सीधा जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के लिए एकत्र होंगे। उन्होंने कहा कि खासतौर से मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर, शामली और मुरादाबाद जनपदों में सभी गु्रप एक साथ एकजुट होकर इस अंादोलन को सफल बनायेंगे। उन्होंने कहा कि हम जनपदों में जल्द ही कमेटियों का गठन करने जा रहे हैं। यह समय लड़ने का नहीं, बल्कि करने का है।
गौवंशीय पशुओं के बाद सड़कों पर उतरे जंगली जानवर लोगों को बना रहे निवाला
गौवंशीय छुट्टा पशुओं के हमलों में आये दिन लोगों की जान जाने की खबर सामने आती रहती है, अब बिजनौर जनपद की सड़कों पर इन गौवंशीय पशुओं के साथ जंगली जानवरों के हमले का खतरा भी बढ़ रहा है। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि बिजनौर में जंगली जानवर सड़कों पर और बस्तियों में खुला घूम रहे हैं, वहां पर अभी तक 12 लोगों को ये जंगली जानवर मार चुके हैं। किसानों में खेतों पर जाने के लिए दहशत है तो शहरी क्षेत्र में भी लोग बाहर निकलने से डर रहे हैं। सरकार इस पर अंकुश लगाये।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री से मिलकर बेल्लारी किसान आंदोलन पर की चर्चा
कर्नाटक में किसानों की समस्याओं को लेकर चल रहे बेल्लारी आंदोलन का समर्थन कर चुके भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से मुलाकात करते हुए प्रदेश के किसानों के मुद्दे को उठाया और समाधान कराये जाने की बात उनके सामने रखी। राकेश टिकैत ने नयन जागृति को बताया कि बुधवार को दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सि(ारमैया से किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल के रूप में उनके द्वारा मुलाकात की गई। इस दौरान कर्नाटक ग्रामीण बैंक से संबंधित समस्याओं को लेकर बेल्लारी में चल रहे किसान आंदोलन और उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री सि(ारमैया ने किसानों से संबंधित सभी समस्याओं को जल्द से जल्द हल करने का आश्वासन दिया।