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CHAKKA JAAM---जिले में गैस, तेल और गन्ना सब बंद

फैक्ट्रियों और ट्रांसपोर्ट से नहीं उठाया गया माल, आपूर्ति प्रभावित होने से महंगाई बढ़ने की आशंका गहराई, डिस्टलरियों में रूकी शराब की लोडिंग, चीनी मिल ने किसानों से की गन्ने की छिलाई बंद करने की अपील

CHAKKA JAAM---जिले में गैस, तेल और गन्ना सब बंद
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मुजफ्फरनगर। देश में प्रस्तावित नए हिट एंड रन कानून में सड़क हादसे में किसी की मौत होने पर वाहन चालक के खिलाफ दस साल की सजा और पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान करने के मामले में नए साल के पहले ही दिन से शुरू हुई वाहन चालकों की हड़ताल ने देश और प्रदेश के साथ ही जिले में भी अपन व्यापक प्रभाव डालना शुरू कर दिया है। रोडवेज और प्राइवेट बसों के साथ ही ट्रक चालकों के पहले ही दिन चक्का जाम कर दिये जाने के कारण जिले में गैस और पेट्रोल डीजल के साथ ही सब्जी व फलों की आपूर्ति रुक जाने के साथ लोगों को यात्रा के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। दूसरे दिन भी वाहनों का चक्का जाम रहा और ट्रक एवं बस चालक काम पर नहीं लौटे। ट्रांसपोर्टनगर में ट्रकों के पहिये थमे रहे और अधिकांश ट्रक लोडिड नजर आये, लेकिन वो माल की आपूर्ति के लिए रवाना नहीं हुए। हाईवे पर भी ट्रकों के पहिये थमे रहे, कोई ट्रक आवागमन करता नजर आया तो प्रदर्शनकारी चालकों ने उसको भी जबरन रूकवा दिया। इसके चले जिले में गैस, तेज के साथ ही गन्ना आपूर्ति सभी बंद कर दिया गया है। चीनी मिल ने ऐसे हालात देखकर किसानों से आगामी दिनों में गन्ने की छिलाई का कार्य बन्द रखने की अपील की है, वहीं जिले की डिस्टलरियों ने भी जिला प्रशासन से शराब की लोडिंग कराये जाने के लिए ट्रांसपोर्ट का बंदोबस्त कराने की मांग की है।

नए साल के पहले ही दिन सोवार को रोडवेज बसों के साथ ही ट्रक और प्राइवेट बसों का अचानक चक्का जाम होने से तमाम यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। आॅल इंडिया ट्रक चालक संगठन के आह्वान पर मुजफ्फरनगर जनपद में ट्रक एवं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने मंगलवार को दूसरे दिन भी चक्का जाम रखा। चालक काम पर नहीं लौटे तोि ट्रकों के पहिये भी थमे रहे। ट्रांसपोर्टरों ने माल की बुकिंग और लोडिंग बंद कर दी है। मुजफ्फरनगर के साथ ही पश्चिमी यूपी में परिवहन के नए कानून के विरोध में रोडवेज बस चालकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है। लगातार दो दिनों से बस नहीं चलने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।


मुजफ्फरनगर और खतौली रोडवेज डिपो में बसें बस अड्डों में ही खड़ी रहीं। परिवहन निगम के अधिकारियों ने अनुबंधित बस चालकों के मालिकों से भी मीटिंग की, लेकिन उनके चालक अभी बस चलाने के लिए पूरी तरह से सहमत नहीं हो सके। जनपद में मंगलवार को भी देहात के कई मार्गों पर बसों का संचालन प्रभावित रहा। सब्जी और गुड़ मंडी में सामान की आपूर्ति प्रभावित हुई। मोरना, खतौली, भोपा, भौराकलां, बुढ़ाना समेत अन्य मार्गों पर हड़ताल के चलते यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। चीनी मिलों के क्रय केंद्रों से गन्ना उठान प्रभावित हो रहा है। खतौली चीनी मिल ने किसानों से अगली सूचना तक छिलाई नहीं करने का आह्वान किया। जिले की आठ चीनी मिलों में करीब 14 सौ ट्रकों के माध्यम से गन्ने की सप्लाई होती है, अधिकतर ट्रकों के चालक हड़ताल पर चले गए हैं।

इसके साथ ही गैस एजेंसियों पर भी सिलेण्डरों की आपूर्ति नहीं होने से गोदाम खाली हो गये हैं। वहीं जनपद में पैट्रोल पम्पों पर भी डीजल और पैट्रोल का भंडार भी खत्म होने को है। यदि मंगलवार शाम तक चक्का जाम खुलने पर बात नहीं बनी तो बुधवार से जिले में माल की आपूर्ति नहीं होने के कारण महंगाई का तड़का भी लगना शुरू हो जायेगा। इससे जिले में प्रतिदिन होने वाली सब्जी, फलों की आपूर्ति भी प्रभावित हो जायेगी। जनपद में शुगर मिलों में गन्ना और डिस्टलरियों में शराब की लोडिंग ट्रांसपोर्टर नहीं कर रहे हैं। फैक्ट्रियों से लोडिंग बंद होने पर जिला प्रशासन से ट्रांसपोर्ट का बंदोबस्त कराने की मांग की जा रही है। अगले दिनों में हड़ताल यही रहने पर जनपद में भी हाहाकार मचने की संभावना प्रबल हो गई है।

दो दिनों में दो करोड़ का नुकसान, बुधवार को दिल्ली घेरेंगे ट्रांसपोर्टर

मुजफ्फरनगर। नए हिट एंड रन कानून में सख्त नियमों का प्रावधान करने के विरोध में चक्का जाम को लेकर मुजफ्फरनगर ट्रक एवं ट्रांसपोर्ट यूनियन के अध्यक्ष सुबोध त्यागी ने बताया कि जनपद में प्रतिदिन करीब 25 लाख रुपये का ट्रांसपोर्ट कारोबार किया जाता है। मंगलवार को भी चालक काम पर नहीं आये, ट्रांसपोर्ट नगर के साथ ही हाईवे पर जहां तहां ट्रकों को रोका गया है। लोडिंग वाहन भी रूके हुए हैं, जिससे माल की आपूर्ति पूरी तरह से बंद हो चुकी है। इससे बुधवार तक भयावह स्थिति पैदा हो सकती है। सरकार को इसमें त्वरित निर्णय लेना होगा। उन्हो ंने बताया कि आॅल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट कांग्रेस द्वारा बुधवार को दिल्ली में मीटिंग बुलाई गई है। मुजफ्फरनगर से पदाधिकारी भी जायेंगे। इससे पहले ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्टर द्वारा जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया जायेगा। केन्द्र सरकार को ही इसमें निर्णय लेना है। पूरे देश में चक्का जाम का असर हुआ है और आपूर्ति ठप होने से सीधा जनजीवन पर प्रभाव पड़ने लगा है। वहीं सूत्रों का कहना है कि वाहनों के इस चक्का जाम के कारण करीब दो करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है।

रोडवेज की 50 बसों का संचालन शुरू, चालकों को नोटिस

मुजफ्फरनगर। रोडवेज बस चालकों की हड़ताल को खुलवाने में कुछ हद तक सफलता मिली है। मंगलवार को 50 बसों का संचालन विभिन्न रूटों पर किया गया है। काम पर नहीं आने वाले चालकों व दूसरे कर्मचारियों को एआरएम की ओर से नोटिस भेजने की तैयारी की गयी है। रोडवेज बस स्टैण्ड के एआरएम भुवनेश्वर कुमार ने बताया कि चक्का जाम के बाद रात्रि में ही डिपो से वार्ता के बाद 20 बसों का संचालन शुरू कराया गया था और मंगलवार की सुबह 30 और बसों को रवाना किया गया है। उन्होंने बताया कि बस स्टैण्ड से लखनऊ, पानीपत, करनाल, दिल्ली देहरादून, चंडीगढ़ सहित अन्य रूटों पर बसों का संचालन किया गया है। सभी चालकों और परिचालकों से काम पर लौटने की अपील की गयी है। जो काम पर नहीं आ रहे हैं, उनको नोटिस भेजे जा रहे हैं। संविदा चालकों को बुलाया जा रहा है। जल्द ही डिपो से सभी 195 बसों का संचालन सुचारू कराया जायेगा। रोडवेज के नियमित चालकों को समझा बूझकर कुछ बसें चलाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि यात्रियों को परेशानी ना हो।

परिवहन आयुक्त ने की वीसी, कहा-अभी कानून लागू नहीं हुआ

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चन्द्रभूषण सिंह ने मंगलवार को सभी जनपदों में यातायात व्यवस्था बाधित होने के कारण चक्का जाम खत्म कराने को लेकर रोडवेज बस डिपो के आरएम एआरएम और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीसी करते हुए उनको वार्ता के सहारे हड़ताल खुलवाने के निर्देश दिये। इससे पूर्व परिवहन आयुक्त ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी करते हुए जनपदों में बस चालकों और रोडवेज बसों की हड़ताल को लेकर वार्ता करते हुए यातायात सुचारू बनाने के निर्देश दिये थे। परिवहन आयुक्त ने अपने पत्र में कहा कि नए सड़क दुर्घटना कानून में किये गये प्राविधान अभी लागू नहीं हुए हैं। कानून लागू होने के बाद ही इसका स्वरूप परिभाषित हो पायेगा। ऐसे में इस कानून को लेकर बनी चक्का जाम की स्थिति से निपटने के लिए बस यूनियनों के पदाधिकारियों और चालकों के साथ मीटिंग करते हुए हालात सामान्य बनाने का प्रयास किया जाये।

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