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MUZAFFARNAGAR--शहीद लोकेश के आंगन पर खुशियों की दस्तक

सिक्किम में शहीद हुआ था यूसुफपुर गांव के उदयवीर सिंह का एकलौता पुत्र, अब शहीद की पत्नी को पुत्र रतन, पूरे गांव ने शहीद सैनिक के घर बेटा जन्मने पर जताई खुशी, दादा-दादी भी जमकर झूमे, कहा-मेरा लोकेश लौट आया

MUZAFFARNAGAR--शहीद लोकेश के आंगन पर खुशियों की दस्तक
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मुजफ्फरनगर। कुदरत के खेल भी निराले है, ये कम हमारे से हमारा सभी कुछ छीन ले और कम हमारे सूने आंगन को खुशियों से भर दे, कहा नहीं जा सकता है। कुछ ऐसा ही नजारा आज एक किसान उदयवीर सिंह के घर आंगन में बना हुआ है। उदयवीर का एकलौता पुत्र लोकेश शेरावत भारतीय सेना में सेनानायक था, एक हादसे में वो शहीद हो गया। लोकेश के जाने के बाद उदयवीर के घर में गम का अंधेरा था, जिसे आज एक खुशी की किरण ने जश्न की रोशनी में बदल दिया है। शहीद सैनिक लोकेश की पत्नी को पुत्र रतन की प्राप्ति हुई तो पूरा परिवार ही नहीं, इस खुशी में पूरा गांव ही खुशियां मना रहा है और ईश्वर का आभार जताया जा रहा है, क्योंकि शहीद के इस पुत्र के रूप में उसके माता पिता और पत्नी को जीने का एक सहारा मिल गया है। इस बच्चे के आने पर दादा-दादी भी खुशी से झूम रहे हैं तो शहीद की पत्नी की आंखों में भी खुशियों की चमक दिखाई दे रही है।

23 दिसम्बर 2022 को शुक्रवार के दिन चीन से सटी एलएसी के करीब नाॅर्थ सिक्किम में भारतीय सेना के जवानों से भरा वाहन गहरी खाई में गिर गया था। इसमें 16 जवान शहीद हुए थे, इनमें भोपा थाना क्षेत्र के गांव यूसुफपुर निवासी किसान उदयवीर सिंह का एकलौता बेटा लोकेश शेरावत भी शामिल था। लोकेश के शहीद होने की खबर आई तो उदयवीर के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। पूरा गांव लोकेश के लिए रोया था। उसकी पत्नी तनु, माता और बहन का बुरा हाल था, लेकिन आज इसी परिवार में ईश्वर ने खुशियों की भरमार कर दी है। उस दिन भी उदयवीर के घर आंगन में भीड़ थी, लेकिन हर आंख में लोकेश की शहादत के लिए आंसू था, आज भी उदयवीर के आंगन में गांव वालों की भीड़ ओर इनमें से कुछ लोगों की आंखे आज भी नम दिखाई देती है, लेकिन इन आंखों में दिखता यह पानी खुशी के हिलोरे मार रहा है।


इसका कारण इस परिवार में एक बच्चे का आना है। गांव युसुफपुर निवासी शहीद सैनिक लोकेश शेरावत किसान उदयवीर सिंह का इकलौता बेटा था। उसके चले जाने के बाद उदयवीर के आंगन से जैसे खुशियों ने मंुह मोड लिया। लाख प्रयास के बाद भी लोकेश के जाने को परिवार नहीं भुला पा रहा था। शुक्रवार को शहीद लोकेश की पत्नी तनु ने पुत्र को जन्म दिया। शहीद के पिता उदयवीर सिंह, माता कुसुम, बहन रश्मि, चाचा सतीश सहरावत आदि परिजनों का कहना है कि घर में जन्मे बच्चे में वो सभी शहीद बेटे लोकेश की झलक तमाम उम्र देखेंगे, अब उनको इसके रूप में जीने का एक बड़ा सहारा मिल गया है। दादा उदयवीर ने कहा कि इस बच्चे के रूप में ईश्वर ने उनको उनका लोकेश लौटा दिया है। दादी अपनी पुत्रवधू को चूमती है तो कभी अपने पौत्र को दुलार रही है। इस परिवार के आंगन में बच्चे का उपहार देकर ईश्वर ने खुशियों की दस्क दी तो पूरे गांव में हर्ष का माहौल है।


लोकेश कुमार 2013 में जबलपुर से भारतीय सेना की 25 ग्रेनेडियर बटालियन में भर्ती हुए थे। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा भोपा के जनता इन्टर काॅलेज में हुई थी वह वाॅलीबाॅल के खिलाडी थे। स्पोर्ट्स मेन के रूप में उनकी भर्ती सेना में हुई थी। 28 वर्षीय लोकेश सहरावत की शादी उनकी शहादत से करीब ढाई वर्ष पूर्व खतौली क्षेत्र के गाँव खानपुर की निवासी तनु के साथ हुई थी। लोकेश के परिवार में पत्नी तनु के अलावा पिता उदयवीर सहरावत और माता कुसुमलता हैं। बहन रश्मि की शादी गांव करहेडा में हुई है। शहीद होने से पहले एक माह की छुट्टी पर लोकेश गांव आया था। वह घटना के दस दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटे थे।

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